बढ़ रहे हैं आइफ्लू के मरीज
जागरण संवाददाता, कैथल : आइफ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्ग महिलाओं के साथ-साथ स्कूली
जागरण संवाददाता, कैथल :
आइफ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्ग महिलाओं के साथ-साथ स्कूली बच्चे भी आंखों की बीमारी से पीड़ित है। इंदिरा गांधी मल्टी स्पेशलिटी सहित प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों में 10 से 15 प्रतिशत संख्या बच्चों की है। जो चिंता का विषय है।
मौसम में बदलाव के चलते आइफ्लू की बीमारी ने भी दस्तक दे दी है। सामान्य अस्पताल में रोजाना 70 से 80 की ओपीडी है। आंखों की बीमारी को लेकर मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय है। इस और अभिभावकों व बच्चों को अपनी आंखों की और ध्यान देना जरूरी है। आंखे अनमोल है। इसलिए सुबह व सायं को नियमित रूप से आंखों की सफाई करें और कोई दिक्क्त होने पर चिकित्सक की सलाह लेकर दवाई लें।
क्या है आइफ्लू
आइफ्लू एक वायरल इंफेक्शन है। जिससे आंखें लाल हो जाती है और दर्द होने लगता है। गंदे हाथ लगने से यह वायरल होता है। यह इंफेक्शन आंख में जख्म बना देता है, जिसका आंखों पर असर पड़ता है।
धूप में रखे बचाव
इस समय गर्मी के मौसम में आंखों का विशेष ध्यान रखें। सफर करते समय साड़ी, चुन्नी, चश्मे या टोपी से अपनी आंखों को ढक कर रखें।
ये बरते सावधानी
-बाहर से आते समय अच्छी प्रकार से हाथों की सफाई करें।
-ठंडे पानी से हाथ साफ करें।
-आंखों में लाली आने व दर्द होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लें।
-गांव व शहर में किसी भी आरएमपी से दवाई न लेकर विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।
-तीन साल के बच्चों का नियमित चैकअप करवाएं।
-यदि आंखों पर चश्मा लगा है तो उसकी आदत डाले। यदि हम दस साल बाद में आंखों पर चश्मा लगाएंगे तो इसका फायदा नहीं होगा।
आंखों के प्रति रहे जागरूक : कविता
नेत्र रोग विशेषज्ञ कविता गोयल ने बताया कि आंखों के प्रति जागरूक होना जरूरी है। आइफ्लू व अन्य बीमारियों को लेकर इस समय अस्पताल में मरीज आ रहे हैं। छोटी आयु के युवा व युवतियां भी चैकअप के लिए आती है। आंखों की बीमारी के प्रति लापरवाही न बरतें। कोई भी दिक्कत होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेकर दवाइयां लें।