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अल्ट्रासाउंड केंद्रों की समय-समय पर करें जांच : पांडुरंग

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले में लिंगानुपात को सुधारने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कडे़ कदम उठाए जा

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2015 08:33 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 08:33 PM (IST)
अल्ट्रासाउंड केंद्रों की समय-समय पर करें जांच : पांडुरंग

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले में लिंगानुपात को सुधारने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कडे़ कदम उठाए जाएंगे। सभी अल्ट्रासाउड केंद्रों की औचकजाच के साथ-साथ लिंग पहचान के लिए आने वाले लोगों की सूचना देने वाले व्यक्ति को 50 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। उस व्यक्ति का नाम भी गोपनीय ही रखा जाएगा।

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उपायुक्त के मकरद पाडुरग ने लघु सचिवालय बैठक कक्ष में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला बाल विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के अधिकारियों की बैठक में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी 21 अल्ट्रासाउड केंद्रों पर समय-समय पर जाच टीम भेजकर उनके रिकार्ड को चैक करने के साथ-साथ इन केंद्रों पर चल रही अवैध गतिविधियों पर भी विशेष नजर रहेगी। भ्रूण हत्या को रोकने के लिए दोषी अल्ट्रासाउड केंद्रों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लिंगानुपात में पिछड़े 12 जिलों में जिला कैथल भी शामिल है। कैथल का लिंगानुपात एक हजार लड़कों पर अभी तक 895 लड़किया रहा है। इस लिंगानुपात में सुधार करने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जाएंगे। सभी सरकारी स्कूलों व सार्वजनिक स्थानों पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से संबंधित शिक्षाप्रद स्लोगन लिखे जाएंगे। बच्चों की मृत्यु दर रोकने के लिए सभी आगनवाड़ी केंद्रों व स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण अभियान पर जोर दिया जाएगा। स्वास्थ्य, शिक्षा व महिला बाल विकास विभाग मिलकर प्रयास करेगे कि कोई भी छोटा बच्चा सात प्रकार के लगने वाले टीकों से वंचित न रहे।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग अपने सभी स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य कार्ड तैयार करवाएं ताकि टीकाकरण के तहत सभी टीके लगाए जा सकें।

उपायुक्त ने कहा कि प्रसव के दौरान कई बार स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में महिलाओं की मौत हो जाती है। ऐसी मौत को रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं को आयरन व फोलिक एसिड की गोलिया उपलब्ध करवाने के साथ-साथ उनके खून की समय-समय पर जाच की जाएगी। खून की कमी पाए जाने पर इन महिलाओं को आवश्यक परामर्श के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दवाईया भी दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि जिला रेडक्रास सोसायटी के अस्पताल कल्याण अनुभाग की तरफ से सरकारी अस्पताल में शीघ्र ही मरीजों के लिए भोजन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत विशेष जोर दिया जाएगा।

खुले में शौच की प्रवृति को रोकने के लिए ग्राम पंचायतों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला में लोग अभी भी खुले में शौच कर रहे है। इस खूले में शौच करने की प्रवृति को खत्म करके हर परिवार में शौचालय निर्माण पर जोर दिया जाएगा।

पाडुरग ने कहा कि सभी आगनवाड़ी केंद्रों में पोषण व स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए आगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया जाएगा। इस निरीक्षण के दौरान केंद्रों में पाच वर्ष से छोटे बच्चों को समेकित बाल विकास परियोजना के तहत दी जा रही सेवाओं का अवलोकन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो आगनवाड़ी केंद्र प्राईवेट भवनों में चल रहे है, उन्हे पंचायतों की मदद लेकर सरकारी भवनों में स्थानातरित करने का प्रयास किया जाएगा।

उपायुक्त ने कहा कि जिले के सभी 1200 से अधिक आगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों व गर्भवती महिलाओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विभाग की कार्यक्रम अधिकारी व बाल विकास परियोजना अधिकारी, सुपरवाईजर अपने स्तर पर भी आगनवाड़ी केंद्रों का समय-समय पर दौरा करे।

इस बैठक में सिविल सर्जन डा. रविंद्र पूनिया, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी सरिता चौहान, डा. अर्शप्रीत, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी दीपक खुराना मौजूद रहे।


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