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बरसात से जन-जीवन प्रभावित

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले भर में बरसात और तेज हवा ने जहां किसानों की चिंता बढ़ा दी है वहीं जन-जीव

By Edited By: Published: Mon, 02 Mar 2015 07:42 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 04:29 AM (IST)
बरसात से जन-जीवन प्रभावित

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले भर में बरसात और तेज हवा ने जहां किसानों की चिंता बढ़ा दी है वहीं जन-जीवन भी प्रभावित रहा। बरसात व तेज हवा के कारण ठंड बढ़ गई। इस कारण लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। सोमवार को भी दिनभर आसमान में बादल दिखाई दिए। हालांकि दोपहर के समय कुछ समय के लिए सूर्यदेव के दर्शन भी हुए। लेकिन सायं के समय फिर से बादल होने से किसानों के चिंता बढ़ गई।

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बरसात के कारण शहर के शक्ति नगर, अर्जुन नगर, बैंक कालोनी, डीएवी कालोनी, हरसौला बस्ती, अंबेडकर नगर, शिव नगर, हरी नगर सहित कई जगह बरसात के कारण पानी जमा हो गया। इस कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

अरमानों पर फिरा पानी

ढाड : रात भर हुई बरसात से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है। हालाकि सोमवार दोपहर के समय मौसम साफ होने से किसानों ने राहत की सांस ली। बरसात से गेहू की फसल को भारी नुकसान हुआ है। बे-मौसमी बरसात ने किसानों के चेहरों पर ¨चता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है। जिन किसानों द्वारा गेहू की फसलों में कीटनाशक स्प्रे व खाद का प्रयोग किया था वह बरसात के चलते सब धूल गया। जिस कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। जिन किसानों द्वारा बरसात से पूर्व फसलों में पानी दिया हुआ था, उन फसलों को भी भारी नुकसान हो सकता है। बरसात से किसानों के खेतों में में पानी भर गया है। किसानों को भय सताने लगा है कि अगर इसी प्रकार बरसात जारी रही तो गेहूं की फसल काफी प्रभावित होगी। बरसात व तेज हवाओं के चलते ढाड, सोलूमाजरा, चंदलाना, टीक, जडौला, जाजनपुर, पबनावा, चंदलाना, मदूद, डडवाना सहित कई गावों में किसानों की फसलें खेतों में चदर की तरफ बिछ गई है। जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि गेहू की फसलों पर बालिया आनी लगभग शुरू हो चुकी है और अगर मौसम का यही रुख रहा तो गेहू की पैदावार भी प्रभावित होने की उम्मीद है। वहीं दो दिनों से हो रही बरसात से ठड का प्रकोप भी बढ़ गया है और लोगों ने दोबारा गर्म कपड़ों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। उधर, बरसात से कस्बा सहित आसपास के गावों में सड़कों पर कीचड़ फैल गया और निचले स्थानों पर पानी भर गया। कीचड़ की भरमार व जमा पानी के कारण राहगीरों, वाहन चालकों व ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

फसलों का मिले मुआवजा

सीवन : बारिश ने खेतों को जल मग्न कर दिया है। जहा गेहू व चारे की फसल को नुकसान हुआ है वहीं सब्जी की फसल भी खत्म हो गई है। बारिश ने सारी फसलों को नष्ट कर दिया है। बरसात व तेज हवाओं ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। बरसात के साथ चली तेज हवाओं के कारण गेहू की फसल की तह जमीन पर बिछ गई है। इस कारण से दलहनी व तिलहनी फसलों को भी खासा नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की माग की है।

किसान मायूस : बलविंद्र सिंह

किसान बलविन्द्र सिंह प्रभावत ने कहा कि पहले को धान का दाम किसानों को सही नहीं मिला है। उसके बाद गेहू की फसल के लिए भी किसानों ने खासा खर्च किया है। अब फसल पकने को तैयार है परतु इस बरसात ने सारी फसल को नष्ट कर दिया है। इस कारण से किसानों को खासा नुकसान हुआ है। गेहू की फसलें बिछ चुकी है और उनमें पानी भरा है जिस कारण से किसान बरबादी के कगार पर पहुच चुका है। सरकार को चाहिए कि स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों को उनके नुकसान के लिए तीस हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दे ताकि किसान बरबादी से उबर सके।

आलू बर्बाद : बलदेव

बलदेव सिंह बल्ली ने कहा कि आलू की फसल तैयार हो चुकी है जिसको अब निकालने का समय था लेकिन बरसात ने आलू की फसल खराब हो गई है। महगे बीज, दवाइया व खाद डाल कर तैयार की गई फसल जब निकालने के लिए तैयार थी उसी समय किसान पर यह आपदा गिरी है। सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए और उसे इस नुकसान से उबारने के लिए मुआवजा घोषित करे।

कालोनियों में जमा पानी

राजौंद : मौसम के मिजाज ने आखिर किसानो के सपनो को चकनाचूर कर ही दिया। बीते एक डेढ़ माह से आए दिन आसमान में बादल छाए रहना व बूंदाबादी होना जहा फसलो के लिए रामबाण दिखाई दे रहा था, ओर किसान अपने खेतो में लहलहा रही फसलो को देखकर मन ही मन प्रफुल्लित हो रहे थे। कृषि विभाग की तरफ से भी इस बार गेहू की बम्पर पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा था, परतु कल हुई मूसलाधार बरसात व आधी ने सभी फसलो को धराशाई करके रख दिया है। जिसे देखकर किसानो को अभी से अपनी भविष्य की योजनाओ को लेकर गहरा झटका लगा है। किसान गुरनाम, सतपाल, रामदिया, बलवंत, रामनिवास, राधे श्याम, कुशल पाल, अमीर, जोगेंद्र ने बताया कि उनकी गेहू की फसल पूरी तरह जमीन पर बिछ गई है, जिससे गेहूं की फसल की औसत पैदावार आधी होने का अंदेशा अभी से सताने लगा है। ऊपर से खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे फसल को ओर भी नुकसान हो सकता है। इन किसानो ने बताया कि गेहू व सरसो की फसल को पूरी तरह तहस नहस करके रख दिया है। अब जहा फसलो की पैदावार प्रभावित होगी।


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