राज्य सूचना आयोग ने कैथल के आरटीओ को किया तलब
संवाद सहयोगी, गुहला चीका : प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण जिला कैथल से हैवी लाइसेंसों को लेकर मागी गई आ
संवाद सहयोगी, गुहला चीका : प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण जिला कैथल से हैवी लाइसेंसों को लेकर मागी गई आरटीआइ की पूर्ण जानकारी न देना विभाग में फैले भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है।
आरटीआइ कार्यकर्ता राम मेहर काजल ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों को बताया कि उसने 7 जुलाई 2014 को विभाग से जिला कैथल में बनाए गए हैवी लाइसेंस और दूसरे राज्यों से बने हुए हैवी लाइसेंसों के नवीनीकरण किए जाने बारे में सूचना मागी थी। विभाग के सचिव ने 1 अक्तूबर 2014 को पत्र क्रमाक नंबर 6748/49 भेजकर प्रार्थी को कुछ बिंदुओं की सूचना देकर और महत्वपूर्ण जानकारी से महरूम रखा।
विभाग के सचिव द्वारा आरटीआइ एक्ट के तहत प्रार्थी के आवेदन को संबंधित विभाग में पांच दिन में स्थानातरित कर दिया जाना चाहिए था लेकिन अधिकारी ने तीन माह बीत जाने के बाद भी आवेदन को संबंधित विभाग में स्थानातरित नही किया और अपने जवाब में यह भेज दिया कि कुछ सूचनाएं हमारे विभाग से संबंधित नही हैं।
जब आरटीआइ कार्यकर्ता ने उक्त विभाग में हैवी लाइसेंसों में हुए गोलमाल की आशका को लेकर सूचनाएं मागी थी तो विभाग के अधिकारियों ने प्रार्थी को सूचनाएं देने से पहले आनन-फानन में 350 हैवी लाइसेंस धारकों के लाइसेंस फर्जी होने के कारण रिन्यू करने से इकार कर दिया था। आरटीए कार्यालय में ज्यादातर हैवी लाइसेंस नागालैंड, मथुरा व अन्य राज्यों से बने हुए फर्जी पाए गए हैं।
आरटीआइ कार्यकर्ता द्वारा अपने आवेदन पत्र में यह भी पूछा गया था कि विभाग द्वारा कितने अनपढ़ लोगों को हैवी लाइसेंस जारी किए गए हैं क्योंकि गढ़ी पाडला चालक प्रशिक्षण केंद्र में नोटिस बोर्ड पर यह साफ दर्शाया गया है कि हैवी लाइसेंस धारक कम से कम आठवीं पास होना अनिवार्य है। यदि उक्त मामले की जाच करवाई जाए तो कुछ ऐसे अनपढ़ लोगों को भी हैवी लाइसेंस जारी किए गए है जो हस्ताक्षर भी नही कर सकते। इससे यह साफ जाहिर होता है कि लर्निंग हैवी लाइसेंस जारी करने वाला अधिकारी मोटर वाहन अधिनियम की अनुपालन नहीं कर रहा।
जब आरटीआइ कार्यकर्ता को संबंधित विभाग द्वारा पूर्ण रूप से सूचनाएं उपलब्ध नही करवाई गई तो आरटीआइ कार्यकर्ता ने 22 अक्टूबर 2014 को राज्य सूचना आयोग में अपील दायर कर दी। राज्य सूचना आयुक्त शिव रमन गौड़ द्वारा प्रार्थी की अपील पर 5 फरवरी 2015 को आरटीओ कैथल को तलब किया है। अपने नोटिस में यह भी आदेश दिए है कि प्रार्थी को 16 जनवरी 2014 तक सभी सूचनाएं उपलब्ध करवाई जाएं। इसके साथ 26 जनवरी 2015 तक राज्य सूचना आयोग को भी इस बारे सूचित किया जाए।
आरटीआइ कार्यकर्ता का आरोप है कि राज्य सूचना आयोग के आदेशों के बावजूद उसे किसी भी प्रकार की जानकारी नही दी गई है। बता दें कि हलका गुहला में आरटीआइ एक्ट के तहत उक्त कार्यकर्ता द्वारा अलग-अलग विभागों की सूचनाएं मागकर कई बडे़-बडे़ घोटालों का पर्दाफाश किया है। उम्मीद है कि आयोग द्वारा उक्त अधिकारी को तलब किया गया तो इसका भी जल्दी पर्दाफाश होगा।