अर्जुन अवार्ड मिलने से राष्ट्रीय स्तर पर छाया कैथल
खिलाड़ियों को मिली पांच खेल प्रशिक्षक व स्टेडियम की सौगात खेल प्रतियोगिताओं में नहीं मिली बड़ी उपलब्
खिलाड़ियों को मिली पांच खेल प्रशिक्षक व स्टेडियम की सौगात
खेल प्रतियोगिताओं में नहीं मिली बड़ी उपलब्धि
खेल सुविधा व प्रशिक्षकों की कमी आई आड़े
सुरेंद्र सैनी, कैथल :
वर्ष 2014 में कैथल जिला भले ही पदकों में बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाया हो, लेकिन ओलंपियन बॉक्सर मनोज कुमार ने अर्जुन अवार्ड हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर कैथल जिले का गौरव बढ़ाया है। मनोज ने अर्जुन अवार्ड के चयन को लेकर लड़ी लड़ाई जीतकर एक तो यह साबित कर दिया कि वे इसके सही हकदार थे, दूसरा खिलाड़ियों को भी यह संदेश दिया कि वह अपना हक पाने के लिए पीछे न हटे, बल्कि जंग लड़कर इसे हासिल करें। वहीं अगर कैथल जिले में पदकों की बात करें तो इस वर्ष की उपलब्धियां फीकी रही। खेल सुविधा व प्रशिक्षकों की कमी के कारण खिलाड़ियों को ज्यादा पदक नहीं मिल पाए। हालांकि बॉक्सिंग, बास्केटबाल व कबड्डी के खेल में खिलाड़ियों ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पदक जरूर झटके। लेकिन अन्य खेलों में खिलाड़ियों को ज्यादा सफलता हाथ नहीं लग पाई। हालांकि इस वर्ष मई माह में कैथल जिले को बॉक्सिंग, जूडो, हैंडबाल के खेल प्रशिक्षक भी मिले हैं।
वर्ष 2014 में कैथल जिले के खिलाड़ियों ने कई प्रतियोगिताओं में भागीदारी तो की। लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई। कबड्डी, बॉक्सिंग, बास्केटबाल जैसे खेलों को छोड़कर खिलाड़ियों को अन्य खेलों में पदक कम ही हासिल हो पाए। हालांकि कबड्डी लीग में कैथल जिले के पाई गांव के बलबीर सिंह व एक अन्य खिलाड़ी ने अभिषेक बच्चन की जयपुर की टीम में भाग लेते हुए बेहतर प्रदर्शन कर कैथल जिले का नाम भी रोशन किया। वहीं बॉक्सिंग में खिलाड़ियों ने खेल प्रशिक्षक गुरमीत सिंह के नेतृत्व में तीन राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं भागीदारी कर राज्य के लिए 11 स्वर्ण, 37 रजत व 23 कांस्य पदक प्राप्त किए। कैथल के तीन बॉक्सरों का दिल्ली में 2 जनवरी से आयोजित होने वाली राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में चयन हुआ है। इसी प्रकार फुटबाल के खेल में मानस गांव की टीम व कबड्डी में जाट स्कूल के लड़कों व लड़कियों ने भी राष्ट्रीय स्तर पदक जीतकर जिले का नाम रोशन किया है। जाट स्कूल मैदान में आयोजित हुई हरियाणा सर्कल कबड्डी प्रतियोगिता में जाखौली की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया।
इन खेलों के कोचों की खल रही है कमी
कैथल जिले में प्रशिक्षकों की भारी कमी है। इस समय पांच खेलों के ही प्रशिक्षक यहां मौजूद हैं। जिले को फुटबाल, कबड्डी, वॉलीबाल, हॉकी, क्रिकेट, बास्केटबाल, खो-खो, टेबल टेनिस, कराटे, बैडमिंटन, टेबल सॉकर, एथलीट, कुश्ती, तैराकी, जिम्नास्टिक, योगा सहित अन्य खेलों के प्रशिक्षकों की कमी खल रही है। खिलाड़ियों को मजबूरी में पैसे लगाकर दूसरे जिलों से कोचिंग लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
इस वर्ष मिला महाराजा सूरजमल जाट स्कूल स्टेडियम
खेल विभाग को इस वर्ष करनाल रोड पर करोड़ों रुपये की लागत से बने महाराजा सूरजमल खेल स्टेडियम की सौगात मिली। शहर के बीचों-बीच स्टेडियम होने से खिलाडि़यों को काफी फायदा हो रहा है। इसी माह राष्ट्रीय स्तरीय बाल बैडमिंटन प्रतियोगिता का भी यहां आयोजन किया गया था।
दो इंडोर स्टेडियम की मिली मंजूरी
जहां कैथल जिले को वर्ष 2014 में पांच खेलों के प्रशिक्षक मिले। वहीं क्योड़क व भाणा गांव में इंडोर स्टेडियम के बनने की मंजूरी भी सरकार ने खेल विभाग को दी है। इन स्टेडियमों के बनने से खिलाड़ियों को काफी फायदा होगा।
खेल मंत्री को भेजे 18 सुझाव : मनोज
अर्जुन अवार्डी ओलंपियन बॉक्सर मनोज कुमार ने कहा कि उन्होंने खेलों में सुधार लाने के लिए खेल मंत्री अनिल विज को 18 सुझाव भेजे हैं। इन सुझावों पर अमल कर यदि इन्हें लागू किया जाए तो न केवल खेलों का स्तर बढ़ेगा बल्कि खेल प्रतिभाएं भी निखरकर सामने आएंगी।