अब नहीं होगी मुनाफाखोरी, जमाखोरी और कालाबाजारी
संवाद सहयोगी,कलायत : यूरिया खाद के नाम पर मुनाफाखोरी, जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के दिन अब लद
संवाद सहयोगी,कलायत : यूरिया खाद के नाम पर मुनाफाखोरी, जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के दिन अब लद चले है। जिला प्रशासन ने इस संवेदनशील मामले को लेकर विशेष कार्ययोजना तय की है। जिला उपायुक्त केएम पाडुरग की रहनुमाई में यह फैसला लिया गया है कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष निगरानी कमेटी की मौजूदगी में खाद का वितरण किया जाए। इसके तहत शुक्रवार को कलायत थाना परिसर में खाद देने का कार्य सुचारु रूप से चला। सरकारी एजेंसी हैफेड में आई यूरिया खाद को लेने के लिए जहा किसानों का हजूम उमड़ा हुआ था वहीं अधिकारियों व पुलिस की मौजूदगी में खाद वितरित करने का कार्य किया जा रहा था। खाद के लिए किसानों को थाना परिसर में पर्ची देने का कार्य किया जा रहा था वहीं खाद की लदाई एजेंसी के गोदाम से करवाई जा रही थी। ताकि एक तो व्यवस्था बनी रहे दूसरा खाद को सही प्रकार से वितरित किया जा सके। इस समय किसानों में खेतों में बिजाई की हुई गेहूं की फसल के लिए यूरिया खाद की दरकार है जिसके चलते किसान खाद लेने के लिए फिर रहे है। कलायत में खाद लेने वाले किसानों को जब पूर्व में खाद नहीं मिली तो उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाने का कार्य किया था जिसके पश्चात न केवल एसडीएम अश्वनी मैंगी द्वारा कमेटी का गठन किया गया बल्कि आ रही खाद को व्यवस्था अनुसार देने के लिए कमेटी की निगरानी में ही किसानों को खाद देने का कार्य किया जा रहा है। गत 2 दिन पहले कलायत सहित क्षेत्र में आए करीब 6000 यूरिया के बैग को भी अधिकारियों की मौजूदगी में वितरित किया गया था मगर हैफेड कार्यालय में जब खाद का वितरण किया जा रहा था तो उस समय किसानों की संख्या अधिक होने के कारण सड़क पर पूरी भीड़ बनी रही। कृषि अधिकारी महेद्र ¨सह ढाका ने बताया कि प्रत्येक किसान को आज 3 बैग की पर्ची दी जा रही है ताकि अधिक से अधिक किसानों को खाद मिल सके। उन्होंने बताया कि गत 2 दिन पहले जहा करीब 6 हजार बैग किसानों में वितरित किए गए थे वहीं लगभग 1300 बैग यूरिया खाद के आ रहे है जिसे किसानों को दिया जा रहा है।
3 सदस्यीय कमेटी गठित: एसडीएम
एसडीएम अश्वनी मैंगी ने बताया कि कलायत में आने वाली यूरिया खाद को पूरी तरह पारदर्शी तरीके से वितरित करने के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया हुआ है जिसमें नायब तहसील, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा कृषि विभाग के अधिकारी को शामिल किया गया है। जो भी खाद आ रही है वह कमेटी की निगरानी में किसानों को दी जा रही है।