धान सूखी और हरे चारे की फसल झुलसी
संवाद सहयोगी, राजौंद : अगस्त का आधे से ज्यादा माह बीत चुका है, परतु बरसात न होने के कारण किसानो की फसलें सूखने के कगार पहुंच चुकी हैं। इसमें चारे की फसलें भी बुरी तरह झुलस चुकी है। किसानो ने बताया कि बरसात व बिजली नहरी पानी की कमी के कारण उनकी चारे की फसल भी झुलस रही हैं। धान की फसल में पानी की कमी के कारण पूरी तरह सूख चुकी है। जिसे उखाड़ने के लिए किसानों को मजबूर होना पड़ रहा है। किसानो ने बताया कि महगे भाव के बीज, दवाई व धान की रोपाई पर खर्च करने के बाद उन्हें कुछ भी हासिल नही हुआ। ऐसे में किसान कर्ज के बोझ के नीचे दब चुके हैं। किसानो का कहना है कि उनके इलाके में अधिकतर फसलें बरसात पर निर्भर है, क्योंकि भूमिगत ट्यूबवेलों का पानी भी खराब होने के कारण उनकी फसल सूख चुकी है। ऐसे में अगर सरकार द्वारा गिरदवारी करवाकर उनकी मदद नही की गई तो वह कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे।