भीगे गेहूं को सुखाने में जुटा
जागरण संवाददाता, कैथल : दो दिन हुई बरसात के बाद शुक्रवार को धूप हुई। अनाज मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़े गेहूं पूरी तरह से भीग चुका है। इससे मंडी में आवक बंद हो गई है, जबकि किसान अपने गेहूं को सुखाने के लिए जुट गए है। जिन किसानों की पहले ही फसल को खरीद कर बोरियां में भर दिया गया है, उस गेहूं में भी बरसात के कारण नमी की मात्रा अधिक हो गई है। सरकारी एजेंसियां खरीदे गए गेहूं का उठान भी साथ ही नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि कई दिनों से उठान करने वाले ट्रक भी उनसे अधिक वसूली करने की फिराक में है। मंडी के आढ़ती बीरभान जैन ने बताया कि गेहूं में जब सरकारी एजेंसियां गेहूं की खरीद कर उसको बोरियां में भरवा देती है और इसके बाद बरसात हो जाती है, इसका सीधा नुकसान आढ़ती को उठाना पड़ रहा है जबकि यह जिम्मेवारी सरकारी एजेंसियां की बनती है कि उसका उठान जल्द कराए। आढ़ती गेहूं का उठान के लिए ट्रक मालिकों से बातचीत करते है, तो वह अधिक किराया देने के लिए कह रहे हैं। इसके कारण आढ़ती के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। पुरानी अनाज मंडी के पूर्व प्रधान श्याम लाल खुरानिया ने बताया कि अनाज मंडी में उठान अब भी धीमी गति से हो रहा है। मंडी अनाज की बोरियों व ढेरियों से अटी पड़ी है। इसके कारण अब किसान के पास मंडी में अपनी गेहूं डालने के लिए कोई जगह नहीं है। पुरानी अनाज मंडी में पहले भी कम जगह होने के कारण किसानों को मंडी में गेहूं से लदा वाहन भी लेकर आने में परेशानी होती है। यदि मंडी में खरीद के साथ ही उठान किया जाए तो बरसात से इतना नुकसान नहीं होता। पुरानी अनाज मंडी में सीवरेज के नाले से ओवरफ्लो व बरसात के कारण हजारों बोरियां भीग चुकी है। जो किसान मंडी में अपनी गेहूं लेकर बेचने के लिए आया हुआ था और बरसात होने पर वह भीग गई वह अब उसे सुखाने में लगा हुआ है। दो दिनों से थ्रेसर व कंबाइन न चलने के कारण अब आवक काफी धीमी हुई है। यदि मंडी में पड़ी सूखी गेहूं का उठान जल्द किया जाए तो किसानों व आढ़तियों के लिए परेशानी दूर हो जाएगी। जबकि दोनों मंडियों इस समय करीब सात लाख बोरियां पड़ी है। जबकि उठान अब भी कम हो रहा है।
मार्केट कमेटी के सचिव रविंद्र सैनी ने कहा कि जिला प्रशासन की आज ही बैठक करके इस समस्या को दूर करने के लिए निर्णय लिया जा रहा है और जल्द ही मंडियों से उठान भी तीव्र गति से करवाया जाएगा।