सीवन को खल रही पार्क की कमी
स्वच्छ पर्यावरण के साथ-साथ नगरवासियों को होगा फायदा
संवाद सहयोगी, सीवन : कस्बा सीवन में एक जामुन हर्बल पार्क है जो गाव से लगभग दो- तीन किलोमीटर दूर जंगल में बीचों बीच स्थित है। जहा पर सैर आदि के लिए नगर से कोई नहीं जाता है। नगर के बीच कोई भी ऐसा पार्क नहीं है जहा पर स्वास्थ्य लाभ के लिए बच्चे महिलाएं व पुरुष सैर आदि कर सके या टहल सके। कहने को तो कस्बा सीवन जो कि एक आदर्श गाव है पर अभी भी सीवन में कई मूलभूत चीजों की कमी है जो इसके आदर्श कस्बे के दर्जे पर सवाल उठाती है। सीवन में घूमने, फिरने व सैर करने के लिए कोई पार्क ना होने के कारण लोगों में काफी निराशा है। एक कहावत है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे वातावरण का होना आवश्यक है। मास्टर रामनाथ, जयप्रकाश बंसल आदि ने बताया कि कस्बे में कोई भी सैर करने के लिए पार्क ना होने के कारण उन्हे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आजकल वाहनों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि यदि हम सुबह या शाम को सैर करने के लिए कस्बे के आसपास किसी भी सड़क पर चले जाए तो बढ़ती वाहनों की संख्या के कारण दुर्घटनाओं का भय सदैव बना रहता है। यदि कस्बे में सरकार कोई पार्क बना दे तो यह समस्या अपने आप ही हल हो जाएगी। इन्होंने बताया कि पार्क बनने से ना केवल सैर करने वालों की संख्या बढ़ेगी अपितु योगा, मेडिटेशन करने वाली महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गो व अन्य स्वास्थ्य लाभ लेने वालों की संख्या भी बढ़ेगी। इन्होंने प्रशासन से माग की है कि सीवन में जल्दी से जल्दी एक पार्क का निर्माण करवाया जाए ताकि उन्हे कोई परेशानी न हो। प्रतिदिन सैर करने वाले लोगों महावीर मंगला, शाम सिंगला, सुधीर मिढ्डा, गुलाब सैनी, सुरेद्र सरदाना, भीम मेहता, इद्र वधवा, सुभाष रहेजा, जगदीश मेहता, राजेश वधवा, ईश्वर गोल्डन, नरेश सिंगला, सुभाष भगत, रमेश रहेजा, चंद्र तनेजा, अशोक गोयल, पृ़थ्वी आर्य, चिमन लाल गर्ग, जोगेंद्र मिढ्डा, अनिल गर्ग, बिशन दास, महेद्र मुंजाल ने माग की है की नगर में कोई पार्क बनाया जाए।