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जीएसटी के विरोध में बंद रही कपड़े की दुकानें

जागरण संवाददाता, जींद : कपड़े पर पहली बार टैक्स लगाने के विरोध में मंगलवार को जिलेभर में

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 01:26 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 01:26 AM (IST)
जीएसटी के विरोध में बंद रही कपड़े की दुकानें
जीएसटी के विरोध में बंद रही कपड़े की दुकानें

जागरण संवाददाता, जींद : कपड़े पर पहली बार टैक्स लगाने के विरोध में मंगलवार को जिलेभर में कपड़े की दुकानें बंद रहीं। घंटाघर चौक के नजदीक शहर की मेन कपड़ा मार्केट सहित शहर में कोई भी कपड़े की दुकान नहीं खुली। व्यापारियों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि कपड़े को जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसिज टैक्स) के दायरे में ला दिया है, लेकिन वे एक जुलाई से कैसे कारोबार करेंगे, इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।

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शहर के कपड़ा कारोबारियों ने सोमवार शाम को मी¨टग करके फैसला लिया था कि मंगलवार को कोई भी दुकान नहीं खुलेंगी। 1984 में बनी कपड़ा मार्केट के मुख्य गेट पर सुबह ही ताला लगा दिया था। ज्यादातर कारोबारी तो घर से मार्केट में ही नहीं आए। कुछेक दुकानदारों ने कपड़ा मार्केट के आसपास ताश खेलकर समय बिताया। इन दुकानदारों का कहना है कि सरकार ने कपड़े पर जीएसटी तो लगा दिया है, लेकिन अभी तक यह क्लीयर नहीं किया है कि कपड़ा व्यापारियों के पास जो स्टॉक बचा हुआ है, वे इसका हिसाब कैसे रखेंगे। एक जुलाई को वे कपड़े को किस तरह बेचेंगे। उस पर टैक्स लगाएंगे या नहीं। कपड़ा व्यापारियों ने कहा कि सरकार को जीएसटी का सरलीकरण करना चाहिए। सिटी थाने के पास कपड़े के दुकानदार आयुष ने कहा कि सेल्स टैक्स विभाग के अधिकारियों ने अभी जीएसटी की कोई जानकारी नहीं दी है। अब भी कपड़े पर वैट नहीं लगता था, इसलिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया था। शहर में कपड़े के बड़े खरीदार नहीं है। ब्याह-शादी का कपड़ा खरीदने लोग रोहतक या अंबाला जाते हैं। शहर के कपड़ा दुकानदारों की रोजी-रोटी ही चल रही है।

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रोजी-रोटी चल रही है

कपड़ा मार्केट के दुकानदार विनोद ¨सगला ने बताया कि शहर की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट में 100 के आसपास दुकानें हैं। यहां ज्यादातर ग्राहक गांवों से आते हैं। शहर के ग्राहक भी बहुत कम आते हैं। ज्यादातर दुकानदार सिर्फ रोजी-रोटी ही चला रहे हैं। सरकार को टैक्स लगाना है तो इसका सरलीकरण किया जाना चाहिए।

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जीएसटी का हो सरलीकरण

दुकानदार ओमजीत गोयल ने कहा कि कपड़े के कारोबारी जीएसटी के विरोध में नहीं है। हमारा विरोध इस बात को लेकर है कि जिस तरह जीएसटी को बनाया गया है, उससे इंस्पेक्टरी राज बढ़ेगा। सरकार व्यापारियों की परेशानियां बढ़ाने जा रही है। केंद्र सरकार को जीएसटी का सरलीकरण करना चाहिए ताकि व्यापारी आसानी से काम कर सके।

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37 रिटर्न से परेशानी

कारोबारी सुरेंद्र गोयल ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारियों को 37 रिटर्न भरनी होंगी। इससे व्यापारी का काम प्रभावित होगा। वह अपने कारोबार पर ध्यान देगा या रिटर्न भरने में लगा रहेगा। सरकार यह साबित करने में लगी हुई कि मानो व्यापारी चोर है। साथ ही, रिटर्न में गलती होने पर सजा का प्रावधान है, जो सरासर गलत है।

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स्टॉक की जानकारी नहीं

दुकानदार दशरथ कुमार गोयल ने कहा कि कपड़ा कारोबारियों को किस तरह से काम करना है, इस बारे में कोई सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। सेल्स टैक्स के अधिकारियों ने भी जीएसटी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जीएसटी में कपड़े पर 5 फीसदी टैक्स लगने जा रहा है। ऐसे में एक जुलाई से माल कैसे बेचें, कोई जानकारी नहीं है।


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