खत्म नहीं हो रही खापों में खाई, बढ़ रहा विरोध
जागरण संवाददाता, जींद : फरवरी व मई माह के दौरान जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान खापों व ज
जागरण संवाददाता, जींद : फरवरी व मई माह के दौरान जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान खापों व जाट आरक्षण संघर्ष समिति में बनी खाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आंदोलन से दूरी बनाने वाली खापों के इसी रुख को हथियार बनाकर विरोधियों ने जाट आरक्षण की पैरवी को लेकर 30 जुलाई को बुलाई गई उत्तर भारत की खाप पंचायतों की बैठक के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कंडेला खाप के प्रधान एवं खाप के राष्ट्रीय संयोजक टेकराम कंडेला पर निशाना साधा है।
विरोधियों ने टेकराम कंडेला की 23 दिसंबर 2015 को जींद में हुई रैली, फरवरी व जून में जाट आरक्षण आंदोलन से दूरी को हथियार बनाकर आरक्षण आंदोलन से जुड़े जाट समाज के प्रबुद्ध लोगों व खाप पदाधिकारियों से बैठक में नहीं पहुंचने का आह्वान करना शुरू कर दिया है।
फिर से ईश्वर ने खोला मोर्चा
कंडेला खाप में ईश्वर कंडेला व जयनारायण जैलदार को टेकराम कंडेला का धुर विरोधी माना जाता था। खाप प्रधान के विरुद्ध जाते हुए इन्होंने पहले दिसंबर माह में बिनैण खाप की जींद में हुई रैली को अपना समर्थन दिया और इसके बाद मई में यशपाल मलिक गुट को समर्थन देकर खाप प्रधान को खुली चुनौती दी। इस बार फिर से ईश्वर कंडेला ने मोर्चा खोल दिया है।
किस मुंह से बुला रहे बैठक
उन्होंने कहा कि खाप का सर्वजातीय स्वरूप बताकर एक जातीय के आंदोलन से दूर रहने की बात कहने वाले खाप प्रधान अब किस मुंह से जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर खापों की बैठक बुला रहे हैं। ईश्वर कंडेला ने खाप से जुड़े कुछ गांवों के पूर्व सरपंचों व प्रमुख लोगों के नाम जोड़कर एक बार फिर बिना नाम लिए टेकराम पर निशाना साधा है।
अराजकता फैलाने वालों से सरोकार नहीं
सर्वखाप पिछले सात सालों से शांतिपूर्ण आंदोलन करती रही है। अराजकता में विश्वास करने वाले संगठनों का खापों से कभी कोई
सरोकार नहीं रहा है। राजनीतिक दलों से जुड़े कुछ लोग अपना तथा पार्टी का आधार बचाने के लिए इसी प्रकार की बातों का सहारा लेते हैं। कंडेला खाप पहले भी एकजुट थी, आगे भी एकजुट रहेगी। राजनीतिक दलों से जुड़े चंद लोगों के कहने से खाप की कार्यप्रणाली व प्रतिष्ठा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
-टेकराम कंडेला, प्रधान कंडेला खाप एवं संयोजक सर्वजातीय राष्ट्रीय खाप।