नए अस्पताल भवन से मिलेगी सेंट्रल आक्सीजन की सुविधा
मोहन भारद्वाज, जींद : जिला नागरिक अस्पताल में करीब 30 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे नए भवन
मोहन भारद्वाज, जींद : जिला नागरिक अस्पताल में करीब 30 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे नए भवन में मरीजों को सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम की सुविधा मिलेगी। जिला स्वास्थ्य विभाग ने भवन का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। यह सुविधा देने के लिए नए अस्पताल भवन में एक कमरे को कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जहां से ऑपरेशन थियेटर, नर्सरी, गायिनी वार्ड व आपातकालीन विभाग में मरीज की जरूरत के अनुसार आक्सीजन की सप्लाई दी जाएगी। यह व्यवस्था लागू होने के बाद गंभीर मरीजों के लिए अस्पताल स्टाफ या परिजनों को आक्सीजन सिलेंडर लेकर न केवल इधर- उधर भटकने से छुटकारा मिल सकेगा, बल्कि आक्सीजन की उपलब्धता व सप्लाई की जिम्मेदारी भी एक व्यक्ति की हाथ में आ जाएगी। जिससे जरूरत के वक्त मरीजों को आक्सीजन की कमी जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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यह है दो तरीके
खुद का आक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाकर या कंट्रोल रूम में आक्सीजन सिलेंडर लगाकर सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम को चलाया जा सकता है। निजी सेक्टर के कई बड़े अस्पतालों ने अपने प्लांट लगाए हुए हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग नागरिक अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर का ही सहारा लेगा।
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ऐसे मिलेगी सुविधा
सेंट्रल आक्सीजन की सुविधा देने के लिए अस्पताल में गैस की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। आपातकालीन, ऑपरेशन थियेटर, नर्सरी व गायिनी वार्ड में बेडों के साथ आक्सीजन प्वाइंट फीट किए जाएंगे। ताकि मरीज की स्थिति बिगड़ने पर तत्काल मरीज को बिना किसी देरी के आक्सीजन की सुविधा मुहैया करवाई जा सके।
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अब तक थी यह व्यवस्था
नागरिक अस्पताल में अभी तक ऑपरेशन थियेटर, आपातकालीन विभाग, नर्सरी व गायिनी वार्ड में अलग- अलग आक्सीजन सिलेंडर रखे जाते हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को आक्सीजन की सुविधा दी जा सके। आपातकालीन विभाग में कई बार सिलेंडर के लिए मरीजों के परिजनों के साथ-साथ अस्पताल स्टाफ भी इधर- उधर भटकते देखे जाते हैं।
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ईंटल खुर्द निवासी प्रवीण ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सरकार के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। वर्षों से विशेषज्ञ डाक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं तथा अल्ट्रासाउंड बंद होने के कारण गर्भवती महिलाओं को भी प्राइवेट केंद्रों पर जाने को विवश होना पड़ता है। फिर भी ऐसा होने पर मरीजों को कुछ तो राहत मिलेगी।
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रधाना निवासी रणबीर ने कहा कि बेहतर है, सरकारी अस्पताल में कुछ तो सुविधा मिलेगी। वरना सामान्य बुखार का उपचार करने के लिए भी यहां डॉक्टर नहीं मिलते। सरकार को चाहिए कि सुविधाओं के साथ-साथ विशेषज्ञ डाक्टरों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करे, तभी मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का सही लाभ मिल सकेगा।
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नए भवन में आक्सीजन की सेंट्रल सुविधा देने का प्रपोजल तैयार किया गया है। इसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही है तथा नए भवन में जाने के बाद इसे चालू कर दिया जाएगा।
डॉ. संजय दहिया, सीएमओ
जिला स्वास्थ्य विभाग, जींद।