थुआ में डेंगू ने पसारे पैर, विभाग मान रहा वायरल बुखार
संवाद सहयोगी, अलेवा : थुआ में डेंगू ने पैर पसार लिए हैं। गांव के 30-40 लोग कैथल, हिसार, चंडीगढ़ व दि
संवाद सहयोगी, अलेवा : थुआ में डेंगू ने पैर पसार लिए हैं। गांव के 30-40 लोग कैथल, हिसार, चंडीगढ़ व दिल्ली में निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे वायरल बुखार बता रहा है। इससे लोगों में रोष है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के चारों तरफ गंदगी के बड़े-बड़े ढेर लगे होने कारण हर घर में डेंगू फैल रहा है। गांव में बुखार पीड़ितों में सोनू, रेखा, कविता, सोनू पुत्र आजाद, हरिकेश, निर्मला पत्नी आजाद, अशोक, अजय कुमार आदि प्रमुख हैं। इनमें रेखा को दिल्ली के आर्मी अस्पताल तो अशोक व सोनू को हिसार के ¨जदल अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
बुखार पीड़ित निर्मला 10 दिन के उपचार के बाद हिसार से गांव वापस आई है। गांव के लोगों के अनुसार निजी अस्पतालों में जब बुखार पीड़ितों के टेस्ट करवाए गए तो इनमें से कई लोगों को डेंगू बताया गया। स्वास्थ्य विभाग के नोटिस में यह मामला आने पर विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को गांव में भेजा गया।
टेस्ट को बताया सामान्य
जींद के जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आरएस तंवर का कहना है कि थुआ में डेंगू का कोई मामला नहीं है। गांव के दो बुखार पीड़ित लोगों के टेस्ट दिल्ली की सरकारी लैब में करवाए गए। इनमें एक भी मामला डेंगू का नहीं मिला। यह जरूर है कि गांव में वायरल बुखार का प्रकोप है।
डॉ. तंवर ने कहा कि निजी अस्पतालों में डेंगू को लेकर जो कार्ड टेस्ट किया जाता है, उसकी प्रमाणिकता संदिग्ध रहती है। डेंगू का सही टेस्ट एनएस वन एलीजा होता है। यही टेस्ट थुआ के दो लोगों का करवाया गया तो किसी को भी डेंगू नहीं मिला, जबकि इन दो लोगों को निजी अस्पताल में डेंगू बताया गया था।
निजी अस्पतालों में पुष्टि
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जहां इसे वायरल बुखार का नाम दे रहे हैं, वहीं निजी लैब संचालकों द्वारा गांव के मरीजों में डेंगू नामक बीमारी की पुष्टि कर विभाग के दावों की पोल खोलने का काम किया रहा है।
मामला संज्ञान में नहीं
अलेवा खंड के कार्यकारी बीडीपीओ सतबीर ¨सह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर गंदे पानी या फिर गंदगी से कोई बीमारी फैल रही है तो पानी की निकासी करवाकर गांव में साफ-सफाई करवाने का काम किया जाएगा।