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शहर में नहीं शुरू हुई धान की सरकारी खरीद

जागरण संवाददाता, जींद : प्रदेश सरकार के आदेशों के बावजूद यहां की नई अनाज मंडी में अभी तक धान व बाजर

By Edited By: Published: Sat, 03 Oct 2015 10:11 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2015 10:11 PM (IST)
शहर में नहीं शुरू हुई धान की सरकारी खरीद

जागरण संवाददाता, जींद : प्रदेश सरकार के आदेशों के बावजूद यहां की नई अनाज मंडी में अभी तक धान व बाजरे की सरकारी खरीद चालू नहीं हो सकी है, जिस कारण किसानों को यहां अपनी फ सल औने पौने दामों पर बेचने को विवश होना पड़ रहा है।

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शहर की नई अनाज मंडी में शनिवार तक लगभग 5 हजार ¨क्वटल धान व लगभग अढाई हजार ¨क्वटल बाजरे की आवकहो चुकी है और प्रदेश सरकार मंडियों से किसान की धान व बाजरे की फ सल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा करचुकी है। पिछले खरीफ सीजन तक सरकारी खरीद एजेंसियां यहां सिर्फ परमल किस्म की धान की ही सरकारी खरीद करती रही हैं, लेकिन अबकी बार प्रदेश सरकार ने 1509 नंबर किस्म की धान को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा की है, जो यहां बौनी साबित हो रही है। बाजरे की फ सल का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार द्वारा 1275 रूपये प्रति ¨क्वटल तय किया गया है, जब कि बाजरा यहां सिर्फ 1150 रूपये प्रति ¨क्वटल ही बिकरहा है। इसी प्रकार सरकार ने धान ए ग्रेड का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1450 रुपये प्रति ¨क्वटल तय किया है और धान यहां एकाध ढेरी को छोड़ 1440 रूपये प्रति ¨क्वटल व कंबाईन से कटी हुई धान तो केवल 1350 रुपये प्रति ¨क्वटल तक ही बिक रही है। मंडी में मौजूद किसानों ने बताया कि सरकारी खरीद एजेंसी का कोई अधिकारी व कर्मचारी उनकी धान व बाजरे की फ सल को मंडी में कोई देखने तक नहीं आ रहा है, जबकि यह मंडी धान खरीद केलिए हरियाणा एग्रो इण्डस्ट्रीज कारपोरेशन को अलाट की गयी है। जिला मुख्यालय पर स्थित अनाज मंडी में धान व बाजरे की सरकारी खरीद चालू ना होने से यहां सरेआम सरकारी आदेशों की अवहेलना करधज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

नहीं हुई अलाट

जिला मुख्यालय की अनाज मंडी होंने के बावजूद बाजरे की सरकारी खरीद के लिए यह अनाज मंडी किसी को अलाट नहीं की गयी है, जब कि इसके विपरीत जुलाना व उचाना कस्बो की अनाज मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद अलाट की गयी है। इसक कारण जींद की अनाज मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद ही नहीं हो पा रही है।

धान में अभी नमी की अत्याधिकमात्रा होने के कारण धान की सरकारी खरीद नही हो पा रही है और इसी वजह से यह सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम भाव पर बिकरही है। बाजरे की सरकारी खरीद केलिए यह अनाज मंडी किसी सरकारी खरीद एजेंसी को अलाट नहीं की गयी है। वो नोडल अधिकारी होने के नाते सरकारी खरीद एजेंसियों हैफेड, हरियाणा एग्रो को सिर्फ खरीद के लिए कह सकते हैं ना कि उन पर दबाव डालकर फ सल खरीदवा सकते हैं, इसलिए वे इस मामले में असमर्थ हैं।

अशोक रावत, जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक, जींद।


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