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सरकारी अस्पताल में नहीं हो रहे अल्ट्रासाउंड, मरीज परेशान

जागरण न्यूज नेटवर्क, जींद : जिले के सरकारी अस्पताल में कई दिनों से अल्ट्रासाउंड न होने के कारण मर

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 11:45 PM (IST)
सरकारी अस्पताल में नहीं हो रहे अल्ट्रासाउंड, मरीज परेशान

जागरण न्यूज नेटवर्क, जींद :

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जिले के सरकारी अस्पताल में कई दिनों से अल्ट्रासाउंड न होने के कारण मरीज परेशान हैं।

निजी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड 500 से 700 रुपये में किए जा रहे हैं। ऐसे में मरीजों की परेशानी बढ़ रही है। सिविल अस्पताल में पिछले कई दिनों से अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। सिविल अस्पताल में सैकड़ों गर्भवती महिलाएं प्रतिदिन आती हैं और अल्ट्रासाउंड लिख दिया जाता है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं होने के कारण महिलाओं को निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। जहां अस्पताल की पर्ची पर निजी अस्पताल संचालक उनसे 250 रुपये प्रति अल्ट्रासाउंड लेते हैं जबकि अन्य मरीजों से 500 से 700 रुपये लिए जाते हैं। सरकारी अस्पताल में कई दिनों से सुविधा नहीं मिलने के कारण मरीज काफी परेशान हैं।

जुलाना : जुलाना के दीप अस्पताल के डाक्टर ने अल्ट्रासाउंड मशीन सील करने की डिमांड स्वास्थ्य विभाग को की। बृहस्पतिवार को डिप्टी सीएमओ डॉ. सुलेख की टीम ने जुलाना में पहुंचकर मशीन को सील कर दिया। डॉ. सुलेख ने बताया कि जुलाना में स्थित दीप अस्पताल के डाक्टर कुलदीप ने कुछ समय पहले किसी कारणवश उसकी अल्ट्रासाउंड मशीन सील करने का पत्र लिखा था। डॉक्टर की डिमांड पर विभाग ने अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया है। जुलाना के एक दो ओर अस्पताल में विभाग की टीम ने छापामारी की थी। जुलाना में सब कुछ सही मिला है। दीप अस्पताल के डॉक्टर कुलदीप ने बताया कि उसे कुछ दिन के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। इसलिए उसने अल्ट्रासाउंड मशीन बंद करने की डिमांड स्वास्थ्य विभाग से की है। टीम ने उसकी डिमांड पर मशीन को सील कर दिया है।

विभाग का खौफ सताने लगा डाक्टरों को

सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को सफल बनाने व कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए अस्पतालों में की जाने वाली छापामारी का खौफ डाक्टरों में दिखाई देने लगा है। कस्बे के लोगों का कहना है कि कहीं कुछ गलत ना हो जाए व स्वास्थ्य विभाग की टीम छापामारी नहीं कर दे और अस्पताल का नाम बदनाम न हो, इसलिए डॉक्टर अपनी मशीनों को सील करवाते दिखाई दे रहे हैं।


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