जिसकी की शिकायत, उसी अधिकारी को जांच करने दे रहा सीएम विंडो
संवाद सहयोगी, अलेवा : भले ही प्रदेश सरकार की ओर से सीएम विंडों के माध्यम से लोगों की समस्याओं को निद
संवाद सहयोगी, अलेवा : भले ही प्रदेश सरकार की ओर से सीएम विंडों के माध्यम से लोगों की समस्याओं को निदान करने की बात कही जाती है, लेकिन धरातल पर आकर देखा जाए तो लोगों की समस्याओं का समाधान होना तो दूर शिकायतकर्ता की शिकायत को सीएम विंडों द्वारा उसी अधिकारी को जांच दी जा रही है। ऐसे में सीएम विंडो की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आती है।
बुल्ला खेड़ी निवासी मक्खन ने सीएम विंडो को दी शिकायत में बताया था कि उसने नौ जून 2014 को गांजी पुरा जिला रोहतक निवासी विकास से एक स्विप्ट कार जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर एचआर 06 एबी- 0004 खरीदी थी। उसकी पूरी कीमत देकर पूरे कागजों के साथ अपने नाम करवाने का काम किया था, लेकिन आठ सितंबर 2014 को विकास ने उसके खिलाफ ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पास शिकायत देकर कहा कि उसने गाड़ी के साथ खरीदकर्ता को गाड़ी का नंबर एचआर 06 एबी-0004 नहीं बेचा जबकि गाड़ी खरीद के समय यह बात साफ हो गई थी कि गाड़ी के साथ यह नंबर भी जाएगा। उन्होंने कहा कि पांच फरवरी 2015 को विकास ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के ऑफिस में बुलाकर सुपरीडेंट अनिल राय के साथ मिलकर उससे धमकी दिलवाई कि या तो इस वीआइपी नंबर के रुपये दे अन्यथा उसका नंबर कैंसिल करके आपकी गाड़ी पर दूसरा नंबर लगा देंगे। उन्होंने कहा कि विकास कुमार सुपरीडेंट अनिल राय व अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर उसके खिलाफ साजिश रच रहा है तथा ऊपर से पैसा ऐठना चाहता है।
उन्होंने कहा कि यही नहीं सीएम विंडो में उक्त अधिकारी के खिलाफ शिकायत दिए जाने के बावजूद भी विभाग के अधिकारियों ने इस मामले की जांच उसी ट्रांसपोर्ट सुपरीडेंट अनिल राय को दे दी। इस कारण अब सीएम विंडो पर अधिकारियों के खिलाफ दी जाने वाली शिकायतों के मामले में विभाग द्वारा उन्हीं अधिकारियों को जांच सौंपकर एक बार फिर से लोगों का सीएम विंडो से विश्वास उठाने का काम किया है।