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अदालत ने शौचालय खोलने के दिए आदेश

जागरण संवाददाता, जींद : संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत डीआरडीए ने 2011 में सामान्य अस्पताल में पुरुष

By Edited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 05:29 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 05:29 PM (IST)
अदालत ने शौचालय खोलने के दिए आदेश

जागरण संवाददाता, जींद : संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत डीआरडीए ने 2011 में सामान्य अस्पताल में पुरुष व महिलाओं के लिए 11 लाख रुपये की लागत से बनाए आधुनिक शौचालयों को आम जनता के लिए खोलने के आदेश स्थायी लोक अदालत जन उपयोगी सेवाएं ने दिए हैं। साथ ही सिविल अस्पताल जींद की गैर जिम्मेदाराना प्रणाली को देखते हुए अदालत ने प्रतिवादियों को 5500 रुपये खर्चा भी अदा करने के आदेश दिए हैं।

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स्थायी लोक अदालत के चेयरमैन आरके खनगवाल, सदस्य लक्ष्मीनारायण व डॉ. बलबीर ¨सह पर आधारित तीन सदस्यीय बैंच ने आम जनता से जुड़े इस मामले में उपरोक्त फैसला सुनाते हुए सामान्य अस्पताल जींद के शौचालयों की बदहाली को लेकर भारी नाराजगी भी जाहिर की है और उपरोक्त माडर्न शौचालयों को तुरंत आम जनता के लिए खोले जाने के साथ-साथ इनको भविष्य में बिल्कुल साफ-सुथरा व सही दशा में रखने के भी आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि डीआरडीए जींद ने 11 लाख रुपये की लागत से सामान्य अस्पताल जींद में महिलाओं व पुरुषों के लिए माडर्न शौचालयों का निर्माण कर 2011 में सामान्य अस्पताल जींद को सौंप दिया था, लेकिन सामान्य अस्पताल जींद प्रशासन ने इनको आम जनता के लिए न खोलकर इन पर ताले जड़ दिए थे, जिसे 21 अक्टूबर 2013 को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। इस पर एडवोकेट विनोद बंसल ने सामान्य अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को बंद पड़े शौचालयों व अन्य बदहाल शौचालयों से हो रही परेशानी को देखते हुए व जनता के लाखों रुपयों की बर्बादी को देखते हुए स्थानीय स्थायी लोक अदालत जन उपयोगी सेवाएं जींद में एक जनहित याचिका 25 अक्टूबर 2013 को दायर की थी, जिस पर अदालत ने हरियाणा सरकार व सिविल सर्जन सामान्य अस्पताल जींद को तलब किया था। बाद में सामान्य अस्पताल की तरफ से अदालत में 15 नवंबर 2013 को लिखकर दिया था कि उपरोक्त शौचालयों को आम जनता के लिए खोल दिया गया है और भविष्य में इन्हें साफ-सुथरा रखा जाएगा। इस पर उस समय अदालत ने मामले का निपटान कर दिया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कुछ दिनों के बाद फिर से इन शौचालयों पर ताला जड़ दिया था और इनकी हालत भी खराब हो गई थी। इस पर विनोद बंसल ने दोबारा पांच सितंबर 2014 को स्थायी लोक अदालत में अवमानना व उपरोक्त शौचालयों को दोबारा आम जनता के लिए खोलने के लिए याचिका दायर की थी। अदालत ने चार माह की सुनवाई के बाद अब हरियाणा सरकार व सिविल सर्जन जींद को आदेश जारी किए हैं कि आधुनिक शौचालयों को आम जनता के लिए खोला जाए और उन्हें साफ-सुथरा व सही स्थिति में रखा जाना चाहिए।


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