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एक पीसीआर के सहारे महिलाओं की सुरक्षा

जागरण संवाददाता, जींद : जिले में महिलाओं की सुरक्षा केवल एक महिला पीसीआर के सहारे है। ज्यादातर यह पी

By Edited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 05:19 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 05:19 PM (IST)
एक पीसीआर के सहारे महिलाओं की सुरक्षा

जागरण संवाददाता, जींद : जिले में महिलाओं की सुरक्षा केवल एक महिला पीसीआर के सहारे है। ज्यादातर यह पीसीआर राजकीय महिला कॉलेज के अंदर ही तैनात रहती है, जबकि कॉलेज में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके अलावा मुख्य गेट के आसपास ज्यादा छेड़खानी की घटनाएं होती हैं, मगर पीसीआर के कर्मी सिर्फ अंदर की सुरक्षा करते देखे जा सकते हैं। इसके अलावा शहर के चौराहों की सुरक्षा व्यवस्था भी रामभरोसे है। एकाध चौक पर ही महिला पुलिसकर्मी तैनात देखी जा सकती है।

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पुलिस विभाग में लगभग 70 महिला पुलिस कर्मचारी तैनात हैं। शहर में छेड़खानी की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। राजकीय महिला कॉलेज में लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों के अलावा यहां पर बाहरी तत्वों की तैनाती रोकने के लिए गेट पर गार्ड तैनात है, मगर फिर भी महिला पीसीआर के कर्मचारी राजकीय महिला कॉलेज के अंदर ही पेड़ के नीचे पीसीआर को लगाकर आराम फरमाते देखे जा सकते हैं जबकि महिला पीसीआर की जिम्मेदारी महिलाओं की सुरक्षा करना है। पीसीआर को राजकीय कॉलेज या सार्वजनिक स्थलों पर गश्त कर अपनी ड्यूटी करनी चाहिए, मगर शहर में ऐसा नहीं हो रहा है। शहर के चौराहों पर भी महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती नहीं है, इसलिए ज्यादातर चालान केवल लड़कों की बाइक के काटे जाते हैं, जबकि लड़कियां नियमों को तोड़ने में हमेशा आगे रहती हैं। लड़कियां स्कूटी पर तीन-चार की संख्या में बैठ कर सफर करती देखी जा सकती है। शहर में ग्रीन बेल्ट के आसपास छेड़खानी की घटनाएं बढ़ रही हैं, मगर पुलिस का ध्यान इस ओर नहीं है।

हर रोज आ रही फेक कॉल

महिला हेल्पलाइन नंबर पर हर रोज लगभग 10 से 15 कॉल आ रही है, मगर यहां के कर्मचारियों की बातों पर अगर विश्वास करें तो हर रोज आधी कॉल फर्जी होती हैं या फिर मिस्ड काल आ रही है।

छात्राओं के लिए नहीं स्पेशल बस

जिले में छात्राओं के लिए अलग से कोई स्पेशल बस नहीं है। कुछ वर्ष पहले पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता ने छात्राओं के लिए जिले में स्पेशल बस चलाई थी। उनके मंत्री पद से हटते ही जिले में इन बसों को बंद कर दिया गया। मजबूरी में छात्राओं को बसों में खड़े होकर सफर करना पड़ता है। छात्राओं के अनुसार गांवों में बसें भी रोडवेज के कर्मचारी नहीं रोकते।

चौराहों पर नहीं है नियमित तैनाती

शहर के अधिकतर चौराहों पर महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती नहीं है। शहर के बाजारों में भी पुलिस द्वारा महिला कर्मचारियों की तैनाती नहीं की गई है, जिसके चलते बाजारों में छेड़खानी की घटनाएं बढ़ रही हैं। कॉलेज के आसपास भी पुलिस कर्मचारी की तैनाती नहीं होने से छात्राओं को दिक्कत हो रही है।


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