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औरों को नसीहत, मिया खुद फजिहत

By Edited By: Published: Tue, 09 Sep 2014 05:48 PM (IST)Updated: Tue, 09 Sep 2014 05:48 PM (IST)
औरों को नसीहत, मिया खुद फजिहत

जागरण संवाददाता, जींद : सामान्य विभाग लोगों को भले ही जागरूक कर रहो, लेकिन सामान्य अस्पताल की सफाई व्यवस्था को देखकर साफ है कि स्वास्थ्य विभाग सफाई के प्रति कितना जागरूक है। लोगों को सफाई व्यवस्था के लिए अधिकारी जागरूक करने की रणनीति बनाते हैं, मगर खुद इस पर अमल नहीं करते। सामान्य अस्पताल प्रशासन पर औरों को नसीहत, मिया खुद फजिहत वाली कहावत सटीक बैठ रही है। सामान्य अस्पताल में पिछले कई दिनों से सीवरेज लीकेज के कारण एकत्रित पानी में मच्छर हो गए हैं। जब अस्पताल प्रशासन सामान्य अस्पताल में मच्छरों को ही नहीं मार पाया तो क्षेत्र में मच्छरों का खात्मा कैसे करेगा।

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बरसाती मौसम में फैलने वाली बीमारियों पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने रणनीति तैयार की थी। इसको लेकर अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में जिला मलेरिया स्टेडिग कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में विभिन्न विभागों को जिम्मेदारियां दी गई थी। बैठक की अध्यक्षता मलेरिया स्टेडिग कमेटी के सदस्य सचिव एवं वीबीडी के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रत्‍‌न सिंह तवर ने की। बैठक में कहा गया था कि बरसाती मौसम में मच्छरों के पनपने से मलेरिया, डेगू, चिकनगुनिया तथा जापानी बुखार जैसी बीमारिया फैलने का अंदेशा बना रहता है। इन बीमारियों की रोकथाम के लिए मच्छरों पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है। ऐसे में संबंधित विभागों के अधिकारियों को तालमेल से काम करने के लिए कहा गया था। बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वच्छता को जरूरी बताया गया था। स्वच्छता के लिए प्रत्येक नागरिक से सहयोग मांगा गया था। लोगों ने भले ही विभाग का इसमें सहयोग किया हो, मगर सामान्य अस्पताल परिसर में गंदे पानी व इस पर बैठे मच्छरों को देखकर कहा जा सकता है कि जब सामान्य अस्पताल में मच्छरों को ही विभाग ने मार पाया तो अन्य एरिया में कैसे मारेगा।

अब तक मलेरिया के 48 केस सामने आए

चालू वर्ष में अगस्त माह तक मात्र 48 केस पाए गए है जो वर्ष 2013 एवं वर्ष 2012 के मुकाबले बहुत ही कम है। वर्ष 2012 में जिला में जिला में 771 मलेरिया के केस पाए गए थे जबकि वर्ष 2013 में 320 केस पाए गए। इस बार मलेरिया के केसों में काफी कमी आई है।

मलेरिया स्टेडिग कमेटी के सदस्य सचिव एवं वीबीडी के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रत्‍‌न सिंह तवर ने कहा कि सामान्य अस्पताल में गंदा पानी जमा है, मगर इस पर जो मच्छर है, वे मलेरिया को बढ़ाने वाले नहीं है। उन्होंने इस बारे में देखा भी है। उन्होंने कहा कि जिले में मलेरिया की स्थिति ठीक है। इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले में मलेरिया रोगियों की संख्या कम है। लोगों को जागरूक करने का काम स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। उन्होंने कहा कि मलेरिया बचाव के लिए लोग अपने घरों में दवा का स्प्रे कराएं। यह स्प्रे स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराया जाता है। यह दवा मच्छरों को मारने में पूरी तरह से कारगर है और दवाई का दीवार पर कोई निशान नहीं रहता।


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