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किसी को चाय बिस्कुट तो कोई टाट-पट्टी से भी महरूम

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 05:00 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 05:00 PM (IST)
किसी को चाय बिस्कुट तो कोई टाट-पट्टी से भी महरूम

जागरण संवाददाता, जींद : जिला बाल कल्याण विभाग की ओर से मंगलवार को आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में जहां मेहमानों को चाय बिस्कुट परोसे जा रहे थे, वहीं प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को टाट-पट्टी व छांव भी नसीब नहीं कराई गई। पार्क में कई प्रतिभागी घास पर धूप में बैठकर पेंटिंग बनाते नजर आए। हालांकि पेयजल के लिए आयोजन स्थल पर कुछ पानी के कैंपर अवश्य रखे नजर आए। बाल भवन में मंगलवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला।

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जिला बाल कल्याण विभाग की ओर से मंगलवार को विभिन्न विषयों पर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सरकारी व निजी स्कूलों के लिए आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में सरकारी की बजाय निजी स्कूलों की अधिक भागीदारी देखने को मिली। बाल भवन के प्रांगण में बने बरामदे व पार्को में प्रतियोगियों के बैठने की व्यवस्था की हुई थी। कार्यालयों के सामने बने बरामदों में तो पंखे इत्यादि की व्यवस्था की हुई थी, परंतु पार्क में बैठने वाले प्रतिभागियों को पेड़ों की छांव का आसरा लेकर पेंटिंग बनाते देखा गया। इतना ही नहीं करीब एक दर्जन से अधिक विद्यार्थी तो खुले आसमान के नीचे धूप में बगैर टाट-पट्टी के ही परीक्षा देते देखे गए। आयोजन समिति से जुड़े अधिकारी निरीक्षण के दौरान इस अव्यवस्था की अनदेखी करते नजर आए।

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ताजा हो गई थी यादें

क्राइस्ट राजा स्कूल की नौंवी कक्षा की छात्रा सोनाली ने कहा कि प्रतियोगिता में जैसे ही उसे उत्तराखंड त्रासदी का विषय मिला तो गत वर्ष की भयानक घटना एक दम से आंखों के सामने तैरने लगी। उसी आधार पर पानी से घिरी मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा तथा आसपास के मकानों की बर्बादी को अपनी पेंटिंग में दर्शाने का प्रयास कर रही हूं।

यह थे प्रतियोगिता के विषय

जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने बताया कि तीन समूहों में आयोजित पेंटिंग, स्पीच, आई क्यू, स्पीच का प्रतियोगिता में पांच से आठ, नौ से 12 व 11 से 18 आयुवर्ग के बच्चों ने भाग लिया। जबकि विपिन कुमार, रामप्रकाश शर्मा, सुधीर ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रतियोगिता में उत्तराखंड त्रासदी, शादी का माहौल, पर्यावरण बचाओ, भारत व विश्व कप, रेलवे स्टेशन का माहौल, मेरा पसंदीदा त्योहार, फूल गार्डन, पिकनिक आदि विषयों को शामिल किया गया था। इस मौके पर कार्यक्रम अधिकारी विपिन शर्मा, नरेंद्र कुमार, सुरेंद्र सैनी, ज्ञानचंद भल्ला, जसबीर चहल, सुरेंद्र धवन, नीरज कुमार, सुनील, कविता आदि उपस्थित थे।

ये रहे विजेता

पांच से आठ हरा गु्रप

दीक्षा इंडस स्कूल प्रथम, मोती लाल स्कूल के मनदीप द्वितीय व यश तीसरे स्थान पर रहे।

नौ से 12 वाइट ग्रुप,

मोती लाल स्कूल से नेहा हालू प्रथम व नैंशी गेरा द्वितीय, एसडी स्कूल की अस्मिता तीसरे स्थान पर रही।

13 से 16 बल्यू ग्रुप

इंडस स्कूल की प्रीति शर्मा प्रथम व नवदीप द्वितीय तथा संस्कार भारती स्कूल के मोहित जांगड़ा तीसरे स्थान पर रहे।

पीला गु्रप : मोहित संस्कार स्कूल।

स्पीच व हेयरिंग

जीजीएसएस लिजवाना की रीतू प्रथम, अंकुर विकलांग केंद्र से मनजीत कौर द्वितीय व पूजा शर्मा तीसरे स्थान पर रही।

लाल गु्रप में मोतीलाल स्कूल की खुशबु बंसल प्रथम, मयंक द्वितीय व नितेश तीसरे स्थान पर रहे।

आईक्यू : अंकुर विकलांग केंद्र से वीरभान प्रथम, अंकुर द्वितीय व अंजू बंसल तीसरे तथा विकास संस्कार स्कूल प्रथम व सोनू अंकुर विकलांग केंद्र द्वितीय, मोनिका राजकीय स्कूल लिजवाना प्रथम व प्रियंका अंकुर विकलांग केंद्र द्वितीय स्थान पर रहे।

लेट आए थे बच्चे

प्रतियोगिता के लिए 434 बच्चों की इंट्री हुई थी, जबकि प्रतियोगिता में 600 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। कुछ बच्चे देर से पहुंचे थे, जिस कारण कुछ समय के लिये नीचे बैठकर पेंटिंग बनानी पड़ी। बाद में अतिरिक्त मैट मंगवा लिये गए थे। सरकारी स्कूलों की कम उपस्थिति बाबत उन्होंने कहा कि उन्होंने डीईओ को पत्र लिखकर अधिक से अधिक स्कूलों की उपस्थिति दर्ज कराने का अनुरोध किया था। इसके बावजूद व्यक्तिगत तौर पर करीब 400 स्कूलों को पत्र भेजकर प्रतियोगिता के लिए आमंत्रित किया। उनका केवल एक ही उद्देश्य था कि अधिक से अधिक बच्चे प्रतियोगिता में भागीदारी करे तथा इसके लिए अपने स्टाफ की स्पेशल ड्यूटी लगाई गई थी।


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