नप सचिव या ईओ को व्यक्तिगत सुनवाई पर आने के निर्देश
जागरण संवाद केंद्र, जींद :
शहर से लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुके बंदरों को पकड़ने का मामला नप द्वारा लटकाया जा रहा है। नगर परिषद अधिकारी जल्द इस बारे में फैसला करने की बात कर रहे हैं तो वहीं बंदर प्रतिदिन लोगों को घायल कर रहे हैं। वहीं इस मामले में शुक्रवार को स्थायी लोक अदालत (जन उपयोगी सेवाएं) में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नगर परिषद के सचिव/ईओ को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पहुंचने के निर्देश दिए हैं ताकि इस मामले पर जल्द कार्रवाई नप की तरफ से की जा सके।
काबिल-ए-जिक्र है कि शहर में बंदरों का काफी आतंक है और बंदरों से निजात पाने के लिए एडवोकेट विनोद बंसल ने स्थायी लोक अदालत (जन उपयोगी सेवाएं) में जनहित याचिका दायर की थी। इस पर अदालत ने नगर परिषद, जिला उपायुक्त, वन्य प्राणी विभाग से जवाब मांगा था। इस पर सभी पक्षों ने जवाब दायर कर दिया है। इस मामले में शुक्रवार को फिर से सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान भी नप अब तक यह जवाब नहीं दे सका है कि बंदर को पकड़ने की कार्रवाई कब से शहर में की जाएगी।
इस मामले में नप की तरफ से उनका वकील व पैरोकार पेश हुए। बंदरों को पकड़ने में नप द्वारा बरती जा रही ढील को लेकर कोर्ट ने अब नगर परिषद के सचिव या ईओ को व्यक्तिगत रूप से अगली सुनवाई पर पेश होने के आदेश जारी किए हैं ताकि इस मामले को जल्द निपटाया जा सके और लोगों को बंदरों के आतंक से भी छुटकारा मिल सके।
याचिकाकर्ता व एडवोकेट विनोद बंसल ने कहा कि नप ने बंदरों को पकड़ने के मामले में नप सचिव या ईओ को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए अगली सुनवाई पर पेश होने के लिए कहा है ताकि मामला लंबा न खींचे और कार्रवाई हो सके।
कौन होगा पेश? असमंजस
स्थायी लोक अदालत (जन उपयोगी सेवाएं) में अगली सुनवाई के दौरान नगर परिषद के सचिव या ईओ की तरफ से कौन पेश होगा, यह फिलहाल असमंजस में है, क्योंकि नगर परिषद में ईओ का पद खाली पड़ा है जबकि नप सचिव का हाल-फिलहाल ही तबादला हुआ है। इसके चलते दोनों पद खाली पडे़ हुए हैं।
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