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केयर यूनिट से जुड़ेगी शिशु के जीवन की डोर

By Edited By: Published: Sat, 10 Dec 2011 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 10 Dec 2011 01:01 AM (IST)
केयर यूनिट से जुड़ेगी शिशु के जीवन की डोर

संजीव गुप्ता, झज्जर

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शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से अगले छह माह में 15 जिलों में 'सिक न्यू नेटल केयर यूनिट' शुरू की जाएगी। जिला अस्पतालों में शुरू होने वाली इस यूनिट में नवजात शिशुओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा व्यवस्था होगी। तकरीबन एक करोड़ रूपये प्रति जिले की दर से स्थापित होने वाली इस यूनिट में 15 से 20 बिस्तर होंगे।

शिशु मृत्यु दर में देश के अन्य राज्यों-प्रदेशों की तुलना में हरियाणा अभी भी पिछड़ा हुआ है। आधुनिक चिकित्सा उपकरण मुहैया होने के बावजूद यहां प्रति 1000 बच्चों पर प्रति वर्ष 51 बच्चों की मौत हो जाती है। इसमें कमी लाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) ने जिला अस्पतालों में नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल के लिए सिक न्यू नेटल केयर यूनिट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की है। यमुनानगर, फरीदाबाद, मेवात, कैथल, गुड़गांव और अंबाला सहित छह जिलों में यह यूनिट पहले ही शुरू हो गई है जबकि बाकी 15 जिलों में छह महीने के भीतर शुरू कर दिए जाने की योजना है।

एनआरएचएम के उप निदेशक (शिशु देखभाल) डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि पलवल, भिवानी, पंचकूला और नारनौल में इस यूनिट के लिए मशीनें लगा दी गई हैं। उम्मीद है कि डेढ़ से दो माह में यूनिट काम करना शुरू कर देगी। वहीं झज्जर, रोहतक, सोनीपत, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, पानीपत और सिरसा में इस बाबत टेंडर की प्रक्रिया चल रही है तो हिसार और रेवाड़ी में सर्वे किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि नवजात- शिशुओं की विशेष देखभाल के लिए इन यूनिटों की हर मशीन यूनाइटेड नेशन ऑर्गेनाइजेशन फॉर प्रिक्योरमेंट द्वारा खरीदी जा रही हैं। प्रत्येक यूनिट में दो हिस्से होंगे एक इन-बोर्न तथा दूसरा आउट-बोर्न। प्रत्येक यूनिट में नवजात शिशुओं के लिए ऑक्सीजन, ओपन केयर, वार्मर, फोटो थैरेपी एवं इंफ्यूजन पंप सहित तमाम चिकित्सा सुविधाएं मुहैया होंगी। इसके अलावा हर यूनिट में बाल रोग विशेषज्ञों सहित पूर्णत प्रशिक्षित टीम मौजूद रहेगी।

एनआरएचएम के निदेशक प्रदीप कुमार बताते हैं कि राज्य में अधिकांश नवजात शिशुओं की मौत जन्म लेने के बाद एक माह के भीतर ही होती हैं। इस यूनिट के माध्यम से हमारा प्रयास इसी एक माह के दौरान शिशुओं को विशेष देखभाल एवं चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराना है।

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