शहीदों की शहादत को नमन करते हुए पुलिस लाइन में निकाला गया कैंडल मार्च
जागरण संवाददाता, झज्जर : आज से ठीक 18 साल पहले भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खद
जागरण संवाददाता, झज्जर : आज से ठीक 18 साल पहले भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भारतीय जमीन से बाहर कर दिया था, जिसे हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऑपरेशन विजय नाम के इस मिशन में भारतमाता के सैकड़ों वीर सपूत शहीद हुए थे। इन वीर सपूतों ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना देश की आन-बान और शान पर विपरित हालात वाली इस जंग में प्राण न्यौछावर कर दिए थे। इन्हीं शहीदों के बलिदान को आज देश नमन कर रहा है। दो माह से अधिक समय तक चले कारगिल युद्ध में जिला झज्जर के 11 जवानों ने शहादत थी। जबकि एक दफा तो ऐसा मौका आया था कि एक ही दिन में चार जवानों के पार्थिव शरीर यहां पहुंचे थे। उन्हीं शहीदों को नमन करते हुए दैनिक जागरण ने पुलिस लाइन में पुलिस के परिवारों के साथ कैंडल मार्च निकालते हुए जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। डीएसपी मुख्यालय हंसराज बिश्नोई, डीएसपी झज्जर राजीव कुमार, थाना सदर प्रभारी सुरेंद्र ¨सह, महिला थाना प्रभारी सुदेश, सिटी चौकी प्रभारी राजेश कुमार, सिक्योरिटी शाखा प्रभारी शेर ¨सह, डीएवी पब्लिक स्कूल के प्राचार्य संतोष तिवारी सहित अन्य स्टॉफ, उनका परिवार एवं काफी संख्या में बच्चों ने कैंडल मार्च निकालते हुए शहीदों की शहादत को नमन किया।
खूब हुआ वंदे मातरम, भारत माता की जय का उद्घघोष : पुलिस के जवान जो कि स्वयं अपनी ड्यूटी करते हुए परिवार से दूर रहते हैं और विषम परिस्थितियों में जन सेवा में लगे हुए है। उन्हीं के कार्य को देखते हुए बच्चों के साथ दिन विशेष का आयोजन किया गया। बच्चों को भी यह संस्कार दिए गए कि किस प्रकार से कारगिल का युद्ध हुआ था और कैसे हमारे जवानों ने वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन को खदेड़कर बाहर भगा दिया था। इसके बाद जब कैंडल मार्च निकालने की बारी आई तो हर कोई खूब जोश में दिखा। प्राचार्य संतोष तिवारी ने जब वंदे मातरम, भारत माता की जय का उद्घोष किया तो बस बच्चे भी कहा पीछे रहने वाले थे। सैंकड़ों की संख्या में मोमबत्ती लिए हुए हर हाथ ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और जागरण की ओर से यहां किए गए कार्यक्रम की सराहना भी की।
बॉक्स : कैंडल मार्च में शामिल रहे बच्चों के बेशक ही यह अनुभव नया था। लेकिन उन्हें यह अनुभव आनंदित कर गया। स्कूल का होमवर्क छोड़कर यहां मौजूद रहे बच्चों का कहना था कि उन्हें बहुत ही अच्छा लगा है और पता चला कि कैंडल मार्च क्यों निकाला जाता है और किस भावना से निकाला जाता है। करीब एक सौ बच्चों की मौजूदगी में जब भारत माता की जय का उद्घोष हुआ तो स्वयं में आनंदित करने का माहौल यहां पर बनता हुआ दिखाई दिया।
प्रतिक्रिया : डीएसपी मुख्यालय हंसराज बिश्नोई ने अपनी बात रखते हुए बताया कि दो महीने से भी अधिक समय तक चले इस युद्ध में भारतीय थलसेना व वायुसेना ने'लाइन ऑफ कंट्रोल'पार न करने के आदेश के बावजूद अपनी मातृभूमि में घुसे आक्रमणकारियों को मार भगाया था। दुश्मन पर मिली जीत की बदौलत 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज अगर हम देश की सरहद के बीच सुकून और सुरक्षित होने का एहसास कर पा रहे हैं तो वह हमारे वीर सैनिकों की वजह से है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने बच्चों में अभी से संस्कार दें और देश सेवा की भावना को जागृत करें।
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डीएसपी राजीव कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दुश्मन की मंशा कश्मीर को लद्दाख से जोडऩे वाली एकमात्र सड़क एनएच-1 पर कब्जा करने की थी। इससे सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय उपस्थिति पर विपरीत असर पड़ता और उसे कश्मीर की विवादित सीमा के मसले पर बातचीत के लिए विवश होना पड़ता। इसके जरिये पाकिस्तान का मकसद कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीकरण करना भी था। लेकिन सीमा पर डटे जवानों ने जिस हौंसले और दिलेरी का परिचय दिया। वह आज सभी के सामने है। इसमें खास तौर झज्जर के शहीदों की शहादत को तो हर कोई सलाम कर ही रहा है।
प्राचार्य संतोष तिवारी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एक ओर जहां देश की सीमा पर सेना हमारी रक्षा करती है। वहीं यहां पुलिस की मौजूदगी अहसास कराती है कि हम सुरक्षित है। ऐसे में पुलिस के जवानों द्वारा उन जवानों को श्रद्धांजलि दिया जाना स्वयं में आनंद का विषय है।