गंबुजिया मछली के सहारे होगा डेंगू से बचाव, मच्छर के लारवा को खाने वाली मछली छोड़ी जाएंगी तालाबों में
जागरण संवाददाता, झज्जर : डेंगू की बीमरी से लोगों को बचाने के लिए इस बार स्वास्थ्य विभाग ने वर्षा के
जागरण संवाददाता, झज्जर : डेंगू की बीमरी से लोगों को बचाने के लिए इस बार स्वास्थ्य विभाग ने वर्षा के सीजन से पहले ही तैयारी शुरू कर दी हैं। एडिज मच्छर के लारवा को खाने वाली गंबुजिया मछली को तालाबों में छोड़ने का कार्य शुरू किया गया है। इन दिनों मच्छरों की भरमार होने के कारण बीमारियां भी निरंतर पैर पसारती जा रही हैं। फिलहाल तक डेंगू का तो कोई मरीज नहीं मिला है लेकिन जिला में अब तक चार मलेरिया पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। विभाग ने इस बार अप्रैल की शुरुआत से ही एंटी लारवा अभियान शुरु कर दिया था। इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग ने 38 टीमों का गठन किया हुआ है जो घर घर जाकर कूलर, पानी की टंकियां, गमले आदि की जांच कर रही हैं। अगर किसी घर में कोई भी व्यक्ति बुखार से पीड़ित पाया जाता है तो उसकी स्लाइड भी बना रहे हैं। 16 मई को उपायुक्त आरसी बिढ़ाण में संबधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर तैयारियों की समीक्षा कर चुके हैं। तालाबों की पहचान कर मत्सय पालन विभाग व स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इनमें मच्छर के लारवा का खाने वाली गंबुजिया मछली छोड़ने का कार्य शुरू किया जा चुका है। अब तक विभाग की तरफ से करीब 250 तालाबों में गंबुजिया मछली छोड़ी गई हैं।
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स्वास्थ्य विभाग ने जिला में की 508 तालाबों की पहचान :
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिले में डेंगू के मच्छर को फैलने से रोकने के लिए 508 तालाबों की पहचान की है। इन तालाबों में से पहले उन तालाबों में मछली छोड़ी गई हैं जहां पर पहले डेंगू का प्रभाव रहा है। पिछले वर्ष के आंकड़ों को उठा कर देखा जा तो पिछले वर्ष जिले में 45 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए गए थे। जबकि मलेरिया के 88 मरीज मिले थे।
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झज्जर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति :
-कुल अस्पताल : 31
-सामान्य अस्पताल : 3
-सीएचसी : 6
-पीएचसी : 22
-सहायक केंद्र : 126
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क्या है डेंगू :
डेंगू एक वायरस से होने वाली बीमारी का नाम है जो एडीज नामक मच्छर की प्रजाति के काटने से होती है। इस मच्छर के काटने पर विषाणु तेजी से मरीज के शरीर में अपना असर दिखाते जिसके कारण तेज बुखार और सर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते है। इसे हड्डी तोड़ बुखार या ब्रेक बोन बुखार भी कहा जाता है। डेंगू होने पर मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटती है, जिसके कारण कई बार जान का जोखिम भी बन जाता है। गर्मी और बारिश के मौसम में यह बीमारी तेजी से पनपती है। डेंगू के मच्छर हमेशा साफ पानी में पनपते हैं। जैसे छत पर लगी पानी की टंकी, घड़ों और बाल्टियों में जमा पीने का पानी, कूलर का पानी, गमलों में जमा पानी आदि। वहीं दूसरी ओर मलेरिया के मच्छर हमेशा गंदे पानी में पैदा होते है। डेंगू के मच्छर ज्यादातर हमेशा दिन में काटते हैं।
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डेंगू के लक्षण :
- तेज ठंड लगकर और बुखार होना
- कमर, मांसपेशियों, जोड़ों और सिर में तेज दर्द होना
- हल्की खांसी, गले में दर्द और खराश होना
- शरीर पर लाल-लाल दाने दिखाई देना।
- थकावट, भूख न लगना और कमजोरी महसूस होना
- उलटी और दर्द होना।
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डेंगू बुखार तीन तरह के होता है :
- क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
- डेंगू हॅमरेजिक बुखार (डीएचएफ)
- डेंगू शॉक ¨सड्रोम (डीएसएस)
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डेंगू की जाचं के लिए किया जाता है एनएस 1 टेस्ट :
क्लासिकल डेंगू बुखार में से कभी किसी की जान नहीं जाती। ये साधारण इलाज से भी ठीक हो जाता है। लेकिन डेंगू हॅमरेजिक बुखार और डेंगू शॉक ¨सड्रोम में सही समय में इलाज न करने से खतरा बढ़ सकता है। अगर ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर क पास जाये। डेंगू की जाचं के लिए एनएस 1 टेस्ट किया जाता है। जिसके आधार पर डॉक्टर तय करते है की मरीज को डेंगू हुआ है या नहीं।
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डेंगू का इलाज :
- वैसे तो डेंगू का इला•ा चिकित्सकीय प्रक्रिया से डॉक्टरों के द्वारा किया जाता है, लेकिन सावधानी के तौर पर आप भी कुछ तरीके अपना सकते हैं।
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा तरल चीजे दीजिये ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न हो।
- मरीज को पीपते के पत्ते पानी में या पीस कर दिए जा सकते है। यह शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने का काम करते है। लेकिन देने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरुर ले।
- मरीज को डिस्प्रीन और एस्प्रीन की गोली कभी ना दें।
- बुखार कम करने के लिए पेरासिटामॉल की गोली दी जा सकती है।
- जितना हो सके नारियल पानी और जूस पिलाये।
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कैसे करे डेंगू से बचाव :
- आपको अपना बचाव मच्छरों से करना है।
- डेंगू का घर साफ पानी है इसलिए घर में या आस पास पानी दो तीन दिन से ज्यादा न जमा होने दें।
- कूलरों में मिट्टी के तेल का छिडकाव करें।
- 1-2 दिन बाद घड़ों और बाल्टियों में जमा पानी को हटाते रहें।
- अगर बुखार घर में ठीक न हो रहा हो तो एक बार जांच जरुर करवाएं।
- जितना हो सके बच्चों को पूरी बाजू के कपडे पहनायें।
- घर और गली में कीटनाशक का छिड़काव जरुर करवाएं।
- जितना हो सके इस मौसम में घर की खिड़कियों को बंद करके रखें।
- कूड़े के डिब्बे में कूड़ा न जमा होने दें।
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डेंगू से बचाव के लिए पहले ही तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। 15 जून से जिला में फो¨गग का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। डेंगू की जांच के लिए बहादुरगढ़ में प्रयोगशाला स्थापित की गई है।
- डॉ. कुलदीप ¨सह, डीएमओ, झज्जर।