बादली में बंदरों का आतंक, ग्रामीण परेशान
संवाद सूत्र, बादली : बादली गांव में काफी समय से बंदरों का आतंक जारी है। जिससे निजात दिलाने के लिए आज
संवाद सूत्र, बादली : बादली गांव में काफी समय से बंदरों का आतंक जारी है। जिससे निजात दिलाने के लिए आज तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस और सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। बंदरों से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं आए दिन किसी न किसी ग्रामीण को बंदरों की ओर से चोटिल किए जाने का मामला बना ही रहता है। ग्रामीणों का कहना है वर्षो पहले कोई बाहरी व्यक्ति उनके गांव में बंदरों को गाड़ी में भरकर छोड़ गया है। जिससे अब बंदरों की संख्या हजारों में पंहुच गई है। बंदरों के कहर से लोगों में इस कदर डर बना है कि वे दिन में अपने बच्चों को घरों में अकेला नहीं छोड़ सकते हैं क्योंकि बंदर बच्चों को निशाना बनाने में भी नहीं चूकते।
प्रशासन का गांव से बंदर पकड़ों अभियान भी टांय-टांय फिस्स ही रहा है और बंदर पकड़ों अभियान केवल सुनने को ही मिला है।
बादली निवासी जीतू छनपाड़िया, सोनू, भोपाल, मनीष, सन्नी, राकेश, सतीश टेलर, सतप्रकाश और नवीन का कहना है कि बंदर घरों की छत्तों पर बैठे रहते हैं और मौका मिलते ही घर में रखे सामान को उठा ले जाते है। घरों की छतों पर बंदरों का कब्जा बना हुआ है। ग्रामीण धूप का आनंद लेने अपनी छतों से भी वंचित रह जाते हैं। लोग कड़ाके की ठंड में भी दिन के समय अपने मकानों की छत्तों पर धूप का आनंद नहीं ले पाते हैं क्योंकि छतों पर बंदरों का जमावड़ा लगा रहता है। बंदर रात को भी हमला कर देते हैं। बादली के ग्रामीणों ने अब प्रशासन से एक स्पेशल अभियान के तहत बंदरों को पकड़ने की मांग की है ताकि ग्रामीण अपने मकानों में कैद होकर न सके।