पर्यावरण शुद्धि के लिए किया हवन
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : सूखे पेड़ के नीचे भी अगर हवन यज्ञ कर दिया जाता तो वह पेड़ भी दोबारा स
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
सूखे पेड़ के नीचे भी अगर हवन यज्ञ कर दिया जाता तो वह पेड़ भी दोबारा से विकसित हो जाता है, हवन यज्ञ में इतनी शक्ति होती है। यह बात टैणी प्रधान ने माडौठी गोशाला में आयोजित हवन यज्ञ में परिजनों सहित आहुति डालते हुए कही। गोशाला के वार्षिकोत्सव में कन्या गुरुकुल की छात्राओं ने विधिपूर्वक हवन यज्ञ करवाया।
टैणी प्रधान ने हवन यज्ञ के उपरात गोपूजन किया व गोवंश की सेवा के लिए एक लाख एक हजार का दान दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही पर्यावरण को स्वच्छ रखने व विभिन्न बीमारियों के नाश हेतु हर घर में हवन यज्ञ किया जाता था। ऋषि-मुनि भी मानव कल्याण के लिए हवन यज्ञ करते थे। टैणी प्रधान ने कहा कि हवन यज्ञ में डाली जाने वाली सामग्री में विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता जोकि जलने के बाद वातावरण में अपना-अपना अलग अलग प्रभाव छोड़कर पर्यावरण को शुद्ध करने के साथ-साथ मनुष्य को रोगी होने से बचाती है। गौशाला कमेटी द्वारा होशियर सिंह, टैणी प्रधान व उनके परिजनों को गोमाता की प्रतिमा व पवित्र ग्रंथ गीता भेंट कर सम्मानित किया गया।