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रेलवे ने कराया ड्राफ्ट जमा, अब किसानों को मिलेगा मुआवजा

जागरण संवाददाता, झज्जर : वर्ष 2006-2007 में रोहतक-झज्जर-रेवाड़ी रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण की गई भूमि

By Edited By: Published: Tue, 06 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 01:00 AM (IST)
रेलवे ने कराया ड्राफ्ट जमा, अब किसानों को मिलेगा मुआवजा

जागरण संवाददाता, झज्जर : वर्ष 2006-2007 में रोहतक-झज्जर-रेवाड़ी रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण की गई भूमि का बढ़े हुए मुआवजे की राशि का ड्राफ्ट सोमवार को झज्जर की जिला राजस्व अधिकारी कार्यालय में रेलवे की तरफ से जमा करवा दी गई है। अब किसानों को करीब 15 दिन के अंदर के स्टेटमेंट व एपीआर आदि तैयार करने के मुआवजे का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। रेलवे के रोहतक कार्यकारी अभियंता कार्यालय के अधिकारी सोमवार को शहर के लघु सचिवाल में स्थित डीआरओ कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यालय में मुआवजे की राशि का ड्राफ्ट जमा कराया। राजस्व विभाग की तरफ से अब बैंक में ड्राफ्ट को जमा करवाया जाएगा। किसानों के खातों में आरटीजीएस के माध्यम से या चेक के माध्यम से किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। अगर आरटीजीएस के माध्यम से राशि खातों में ट्रांसफर की गई तो किसानों के बैंक खातों की डिटेल मांगी जाएगी। जब यह डिटेल आ जाएगी उसके बाद उनके बैंक खातों में मुआवजा राशि डाली जाएगी।

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रोहतक-झज्जर-रेवाड़ी रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का करीब साढे बारह लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। उसके बाद किसानों ने जमीन की कीमत अधिक होने की बात कहते हुए किसानों ने और अधिक मुआवजा देने के लिए अदालत में केस दायर किया था। किसानों ने करीब 66 केस अदालत में दायर किए थे। इन में शामिल चार केसों में पिछले दिनों जब अदालत ने झज्जर के रेलवे स्टेशन व रेलवे की अन्य प्रापर्टी को जब नीलाम करने के आदेश दिए तो रेलवे की तरफ एक करोड़ 3 लाख रुपये कर राशि जारी की थी। उनके अलावा 57 केसों के बी-फार्म जमा करवाए जाने के बाद मीर¨सह आदि केसों से जुड़े करीब 400 किसानों को यह मुआवजा मिलेगा। हालांकि बाकि बचे केसों से जुड़े किसानों का अभी करीब 70 लाख रुपये मुआवजा दिया जाना बाकि है। जिसकी कार्यवाही रेलवे के दिल्ली मुख्यालय पर चल रही है। यह मुआवजा भी जल्द मिलने की संभावना है। पिछले दिनों अदालत की तरफ से किसानों को करीब 16 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने के आदेश जारी किए थे। लेकिन रेलवे मुख्यालय के अधिकारियों की लापरवाही के चलते अदालत की तरफ से निर्धारित की गई तिथि के करीब एक से डेढ़ माह बाद ड्राफ्ट जारी हो पाया है। कभी डीआरओ के हस्ताक्षर बी फार्म पर न किए जाने कभी बी फार्म तैयार करने के मामले को लेकर मुआवजे की राशि में देरी बनी रही तो बी फार्म रेलवे मुख्यालय को भेजने के बाद मामला मुख्यालय पर अटक गया। लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार रेलवे के दिल्ली मुख्यालय की तरफ से 3 करोड़ 20 लाख 75 हजार 842 रुपये का ड्राफ्ट किसानों के बढ़े हुए मुआवजे के रूप में जमा करवा दिया गया है।

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रेलवे की तरफ बढ़े हुए मुआवजे का ड्राफ्ट डीआरओ कार्यालय में जमा करवा दिया गया है। अब किसानों को मुआवजा राशि डीआरओ कार्यालय की तरफ से वितरित की जाएगी।

-सुरेंद्र रंगा, अधिवक्ता रेलवे, झज्जर।

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रेलवे की तरफ से किसानों के बढ़े हुए मुआवजे का ड्राफ्ट जमा करवा दिया गया है। बाकि केसों में बचे करीब 70 लाख रुपये के मुआवजे के लिए कार्रवाई मुख्यालय के स्तर पर चल रही है।

-आरएन मलिक, एसएसई, रेलवे विभाग, रोहतक।


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