फीस अदायगी पर स्कूलों ने किए नए इतजाम
जागरण संवाददाता, बहंादुरगढ़ : नोट बंदी के बाद नकदी के संकट के बीच निजी स्कूलों ने फीस अदायगी को ले
जागरण संवाददाता, बहंादुरगढ़ :
नोट बंदी के बाद नकदी के संकट के बीच निजी स्कूलों ने फीस अदायगी को लेकर अब नए इंतजाम कर लिए है। गत 8 नवंबर के बाद से ही कोई भी स्कूल 1000 और 500 के पुराने नोट नही ले रहा। ऐसे में किसी ने तो फीस वसूली अगले महीने के लिए टाल रखी है तो ज्यादातर जगह चेक से ही फीस ली जा रही है। कई स्कूलों में अगले कुछ दिनों में स्वाइप मशीनें भी लग जाएंगी।
कैश का संकट इन दिनों हर जगह है। पिछले महीने जब सरकार की ओर से 1000 और 500 के पुराने नोट बंद किए गए तब से ही ज्यादातर जगह इनका प्रचलन बंद हो गया था। हालाकि बाजार से लेकर स्कूलों तक में तो कुछ ने तो शुरूआत में तो पुराने नोट लिए, लेकिन बाद में वहा भी बंद हो गए। ऐसे में अभिभावकों के लिए संकट तो आ गया है लेकिन इस परेशानी को स्कूल संचालकों ने भी समझा। नए नोट या फिर चैक से ही फीस अदायगी का विकल्प रखा गया। सभी अभिभावकों को यह सलाह दी गई कि वे चैक से फीस अदायगी करना चाहते है तो अपने बच्चे की डिटेल के साथ स्कूल में चैक जमा करा दें। इस बीच काफी ऐसे स्कूल भी है जिन्होंने पिछले महीने की फीस वसूली ही टाल दी थी। अभिभावकों को यह स्पष्ट कर दिया था कि वे अगले महीने जब पैसे आ जाएं तब फीस जमा करा सकते है। अब नोट बंदी को महीना पूरा होने को है लेकिन अभी भी बैंकों से पैसे निकलवाने की मारामारी है। घर के जरूरी कार्यो के लिए ही पर्याप्त कैश नहीं मिल रहा है ऐसे में बच्चों की फीस अदायगी से लेकर दूसरे बड़े खर्च सीधे कैश में हो पाने मुश्किल है। जाहिर है कि जिन स्कूलों ने फीस वसूली एक महीने के लिए टाली हुई है वे तो कैश में ही फीस लेना पसंद करेगे।
कई स्कूलों में लगेंगी स्वाइप मशीन
कैशलेश की दिशा में बढ़ते हुए अब कई स्कूलों में स्वाइप मशीनें भी लगने जा रही है। जहा पर अभिभावक डेबिट कार्ड से फीस अदायगी कर सकेंगे। शहर के हरदयाल पब्लिक स्कूल के निदेशक अनुराधा यादव ने बताया कि दो-तीन दिन में उनके यहा ऐसी व्यवस्था हो जाएगी।