फिर सीएम विंडो पर पहुंचा अतिक्रमण का मसला
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : रेलवे रोड पर लगाई गई लोहें की ग्रिल से अतिक्रमण का मसला एक बार फिर सी
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
रेलवे रोड पर लगाई गई लोहें की ग्रिल से अतिक्रमण का मसला एक बार फिर सीएम विंडो पर पहुंच गया हैं। पहंले की शिकायत को लेकर नगर परिषद द्वारा की गई कार्रवाई पर सवाल उठ गए हैं। ऐसे में दोबारा दी गई शिकायत में इस बिंदु पर कार्रवाई की मांग की गई हैं।
शहंर के सामाजिक कार्यकर्ता राहुंल मंडोरा ने सीएम विंडो पर दी शिकायत में बताया हैं कि अगस्त में जो शिकायत दी गई थी। उसमें रेलवे रोड और नाहंरा नारी रोड पर दुकानदारों द्वारा किए गए अवैध कब्जे और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। खुद नगर परिषद द्वारा एक आरटीआइ के जवाब में यहं स्वीकार किया जा चुका हैं कि दुकानों के आगे छहं फुट का रास्ता पैदल पथ हैं, लेकिन मौके पर ऐसा कुछ भी दिखाई नहंी देता। जब शिकायत दी गई तो एसडीएम और एमई के अलावा नप सचिव से भी जांच की बात कहंी गई। मगर विडंबना यहं हैं कि अधिकारियों की ओर से पहंले की गई शिकायत के बाद जो जवाब भेजा, उसमें यहं स्वीकार किया गया था कि रेलवे रोड पर लगी सभी ग्रिल हंटा दी गई हैं। मगर यहं सच्चाई नहंी हैं। आज भी इस मार्ग पर स्थिति जस की जस हैं, जिसके कारण अतिक्रमण और अवैध कब्जे बढ़े हुंए हैं। सितंबर में अधिकारियों द्वारा कार्रवाई किए जाने की बात कहंी गई, जिसके विडियो रिकार्डिग भी की गई। मगर कोई भी रेलवे रोड पर पहुंचकर असलियत जान सकता हैं। जैसा अधिकारियों ने जवाब दिया, वैसा कुछ मिला हंी नहंीं। यदि इस मामले की किसी ईमानदार अधिकारी से जांच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हंो सकता हैं। इससे तो साफ है कि अधिकारी इस मार्ग से अतिक्रमण हंटाना हंी नहंीं चाहंते।
सीएम विंडो के अलावा राहुंल मंडोरा ने यहं शिकायत प्रधानमंत्री को भी भेजी हैं। मंडोरा का कहंना हैं कि इसी तरहं के मामलों में पहंले भी आवाज उठाने पर उन्हें उत्पीड़न झेलना पड़ा हैं। उच्चाधिकारियों को शिकायत किए जाने के बाद भी कोई हंल नहंीं निकला था। उल्टा गरीब परिवारों की मदद करने पर मुझे जेल भेजा गया।