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बेरी में स्वास्थ्य विभाग की टीम का मेडीकल स्टोर पर छापा

जागरण संवाददाता, झज्जार : अवैध रुप से एमटीपी किट बेचे जाने की सूचना पर सक्रिय हुए स्वास्थ्य विभाग की

By Edited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 01:00 AM (IST)
बेरी में स्वास्थ्य विभाग की टीम का मेडीकल स्टोर पर छापा

जागरण संवाददाता, झज्जार : अवैध रुप से एमटीपी किट बेचे जाने की सूचना पर सक्रिय हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बृहस्पतिवार को बेरी स्थित कादियान मेडीकल स्टोर पर छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया। विभाग की ओर से की गई छापामार कार्रवाई में स्टोर से 10 एमटीपी किट बरामद हुई। जिसका वहा ना तो कोई खरीद का रिकॉर्ड मिला और ना ही बेचे जाने का। जिस पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई जिला पुलिस की ओर से अमल में लाई जा रही है।

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आखिर कैसे आया पकड़ में

विभाग के मुताबिक काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि बेरी क्षेत्र में अवैध रुप से एमटीपी किट बेची जा रही है। पुख्ता जानकारी नहीं होने के चलते विभाग इसी इतजार में था। जानकारी पुष्ट हो जाने की सूरत में बृहस्पतिवार को सीएमओ डॉ. रमेश धनखड़ ने एक टीम को गठित करते हुए बेरी में भेजा। शिकायत पर कार्यवाही करते हुए विभाग की टीम ने पहले तो उक्त मेडिकल स्टोर पर एक प्रवासी व्यक्ति को नकली ग्राहक बना कर भेजा। जिसने मेडिकल स्टोर पर पहुंचकर एक एमटीपी किट को मोल भाव करते हुए खरीद लिया। बाद में जब छापा मारने गई स्वास्थ्य विभाग की इस टीम ने दुकान पर भेजे गए नकली ग्राहक से किट बरामद कर कागजी कार्यवाही किए जाने तथा मामले में गवाह बनाने की बात कही तो प्रवासी व्यक्ति घबरा गया और उसने किसी भी तरह के कानूनी पचड़े में नहीं पड़ने की बात टीम को कही। मामला हाथ से खिसकता हुआ देख स्वास्थ्य विभाग की इस टीम ने एक अन्य ग्राहक को एमटीपी किट लेने के लिए वहा पर भेजा। उक्त मेडिकल स्टोर के संचालक ने अब यह कह कर एमटीपी किट देने से इकार कर दिया कि अभी उसके पास एमटीपी किट नहीं है और दो-तीन दिन के बाद आएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम चूंकि यह जान चुकी थी कि एमटीपी किट दुकान में ही है। इसजिए उन्होंने मेडिकल स्टोर पर पहुंच दुकान में रखी दवाईया खंगालनी शुरू कर दी। चैकिंग के बाद टीम को दुकान से 10 एमटीपी किट बरामद हुई। टीम ने उसी समय दुकानदार को काबू करते हुए पुलिस को मौके पर बुला लिया। इस संदर्भ में नियमानुसार कानूनी कार्रवाई जिला पुलिस की ओर से की जा रही है।

- : बेशक ही मामला पुलिस के स्तर पर दर्ज करते हुए कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लेकिन मामले में स्वास्थ्य विभाग भी सक्रियता से अपनी आगामी कार्रवाई में जुट गया है। टीम की अगुवाई कर रहे डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि बरामद हुई किट से संबंधित खरीद का कोई भी रिकॉर्ड मेडीकल स्टोर से बरामद नहीं हुआ है। यह भी अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्षेत्र में कहा से यह किट लाई जा रही है। ऐसी स्थिति में किट पर जो बैच नंबर तथा अन्य जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। उसे ट्रेक करते हुए अब उन लोगों तक पहुचने का प्रयास किया जाएगा। जो कि काली भेड़ बनते हुए इन किटों को बेचने का नेटवर्क चलाए हुए है। बेशक ही विभाग की यह सोच काबिले तारीफ है। चूंकि अगर यह प्रयास सिरे चढ़ता है तो आने वाले समय में इन बैच नंबर के आधार पर उन सभी विक्रेताओं के नाम बाहर आ जाएंगे जो कि विभाग को धोखे में रखते हुए इनकी खरीद फरोख्त के काम में जुटे है।

बॉक्स : अवैध रुप से बेची जा रही इन एमटीपी किटों की आड़ में काली कमाई का धधा भी खूब फल फूल रहा था। संज्ञान में आया है कि 50 से 60 रुपये में आने वाली इन किटों को 400 से 1000 रुपये तक की कीमत वसूल करते हुए मार्किट में ग्राहकों को मुहैया कराया जा रहा है। चूंकि यह बात सामने आ चुकी इसलिए यह तो स्पष्ट है कि एमटीपी किटों की आड़ में ऐसे काम में जुटे मेडीकल स्टोर मोटी चादी कूट रहे है।


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