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कार्रवाई करने से कतरा रहे अधिकारी, दरबारों में मच गई खलबली

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : माननीयों की कोठियों व कार्यालयों पर नियमों को दरकिनार कर लगाए गए सफाई क

By Edited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 01:00 AM (IST)
कार्रवाई करने से कतरा रहे अधिकारी, दरबारों में मच गई खलबली

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : माननीयों की कोठियों व कार्यालयों पर नियमों को दरकिनार कर लगाए गए सफाई कर्मचारियों के मामले में अधिकारियों व विधायक के दरबार में खलबली मच गई है। विधायक दरबार से बार-बार नप अधिकारियों के पास फोन बजते रहे और इस मामले को लेकर पूछताछ होती रही। हालाकि संबंधित अधिकारी कार्रवाई करने से कतरा रहे है, लेकिन कार्यवाहक उपायुक्त ने मूल कार्य से बाहर डयूटी दे रहे सभी सफाई कर्मचारियों की रिपोर्ट एसडीएम से मागी है। हालाकि रिपोर्ट में क्या दर्शाया जाता है यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है लेकिन नप के सफाई कर्मचारी अब भी नियमों को दरकिनार कर माननीयों का कोठियों व कार्यालयों पर काम कर रहे है।

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दैनिक जागरण ने किया था पूरा खुलासा

दरअसल, दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में शहर में गंदगी और माननीयों की कोठिया चमका रहे सफाई कर्मी नामक शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर में खुलासा किया था कि नगर परिषद के सफाई कर्मचारी किन-किन माननीयों की कोठियों व कार्यालयों में काम कर रहे है। खबर को लेकर मंगलवार दिनभर नगर परिषद कार्यालय और अधिकारियों व विधायक के दरबार में पूरी तरह खलबली मची रही।

बिना किसी लिखित आदेश के सफाई कर्मचारी बन गए चपरासी

न किसी अधिकारी के लिखित आदेश और न ही सरकार की ओर से कोई फरमान, फिर भी नगर परिषद बहादुरगढ़ के दर्जनों सफाई कर्मचारी माननीयों की कोठियों व कार्यालयों में काम कर रहे है। लिखित आदेशों के बिना ही सफाई कर्मचारियों से चपरासी का काम लिया जा रहा है।

सफाई कर्मचारी भी चाह रहे मूल काम पर लौटना

दरअसल, माननीयों की कोठियों व कार्यालयों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी भी यहा काम करना नहीं चाह रहे है। एक सफाई कर्मचारी ने तो सीधे तौर पर मौखिक शिकायत सोमवार को दी थी लेकिन अधिकारियों ने इसे अनसुना कर दिया। इसके अलावा भी जो-जो सफाई कर्मचारी माननीयों के यहा काम पर है, वो भी यहा से छुटकारा पाकर अपने मूल काम पर लौटना चाह रहे है। मगर जब भी वे इस तरह की माग करते है, उनकी माग को पूरा नहीं किया जाता है।

बोर्ड की पहली ही बैठक में उठाएंगे मामला : खत्री

इस बारे में नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन एवं नवनिर्वाचित पार्षद रवि खत्री का कहना है कि तीन साल पहले जब वर्तमान विधायक पार्षद थे, उस समय इन्होंने माननीयों की कोठियों पर काम करने वाले सफाई कर्मचारी का विरोध किया था। अब इन्हीं विधायक के कार्यालय पर तीन और निवास पर दो कर्मचारी काम कर रहे है। उन्होंने माग की है कि नप के सफाई कर्मचारी जहा भी नियमों को दरकिनार कर काम कर रहे है उन्हे वहा से हटाकर वार्डाें में सफाई कार्य में लगाया जाए। उन्होंने कहा कि बोर्ड का गठन होने के बाद सबसे पहले वे इस मामले को जोर-शोर से उठाएंगे और सभी सफाई कर्मचारियों को वापस बुलाया जाएगा।

हटाए जाएंगे सभी सफाई कर्मचारी : सचिव

नगर परिषद के सचिव मुकेश कुमार का कहना है कि जो भी सफाई कर्मचारी इधर-उधर लगा हुआ है, उसकी रिपोर्ट ली जाएगी। उसके बाद सभी सफाई कर्मचारियों को हटाया जाएगा।

लिखित आदेश पर ही हटाऊंगा कर्मचारी : त्यागी

बिना किसी लिखित आदेश के सफाई कर्मचारियों को इधर-उधर काम पर भेजने वाले मुख्य सफाई निरीक्षक सोमदत्त त्यागी का कहना है कि अधिकारियों के आदेश पर ही ये सफाई कर्मचारी यहा पर लगाए गए है। अब उनकी ओर से कोई लिखित आदेश आएगा तो वे इन सभी सफाई कर्मचारियों को यहा से हटा लेंगे।

एसडीएम से मागी है रिपोर्ट : बागड़

इस बारे में अतिरिक्त उपायुक्त एवं कार्यवाहक उपायुक्त नरहरि बागड़ का कहना है कि मैंने एसडीएम से रिपोर्ट मागी है। जिन कर्मचारियों के नाम अखबार में प्रकाशित है, उनके बारे में भी पूरी जानकारी ली जाएगी। सफाई कर्मचारी किसी अधिकारी व विधायक के कार्यालय या घर पर काम करने के लिए नहीं बल्कि सरकार के है और उनसे सफाई कार्य में ही डयूटी लेनी चाहिए। वैसे इस मामले में एसडीएम ही प्रशासक है, उनकी ओर से ही इस संबंध में कार्रवाई की जानी चाहिए।


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