पशु चिकित्सालय स्तर पर होगी गाय दुग्ध प्रतियोगिता : डॉ. बागड़
जागरण संवाददाता, झज्जार : प्रदेश में देसी गाय गोपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने पशु चिकित्स
जागरण संवाददाता, झज्जार :
प्रदेश में देसी गाय गोपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने पशु चिकित्सालय स्तर पर देसी गाय दुग्ध प्रतियोगिता शुरू की है। अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. नरहरि बागड़ ने बताया कि प्रदेश में दुग्ध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हरियाणा और साहिवाल गायों के दुग्ध उत्पादन के आधार पर इनामी राशि रखी गई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने गोसुरक्षा-गोसवंर्द्धन एक्ट बनाया है। एक्ट के तहत गोसुरक्षा के साथ-साथ गोसवंर्धन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। गोपालकों को दुग्ध के बेहतर दाम दिलाने के लिए सरकार ने कुरूक्षेत्र में वीटा प्लाट में देसी गाय के दूध की पैकेजिंग कर मार्केट में बेचने का फैसला लिया है।
डॉ. बागड़ ने बताया कि देसी गाय हरियाणा पर आठ से दस किलों दुग्ध पर दस हजार रुपये, दस से 12 किलो दुग्ध पर 15 हजार रुपये और 12 किलोग्राम से अधिक दुग्ध देने वाली गाय के गोपालक को 20 हजार रुपये का नकद ईनाम दिया जाएगा। सहिवाल गाय की श्रेणी में दस से 12 किलोग्राम दुग्ध के लिए दस हजार रुपये, 12 से 15 किलोग्राम दुग्ध के लिए 15 हजार रुपये, 15 किलोग्राम से अधिक दुग्ध देने वाली गाय के मालिक को 20 हजार रुपये ईनाम देने का प्रावधान किया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि प्रतियोगिता के तहत गाय का चार समय दूध नापा जाएगा और एक समय को छोड़कर तीन समय के दूध का औसत निकाला जाएगा। तीन समय के दुग्ध की औसत को गाय का दुग्ध उत्पादन माना जाएगा। गोपालक को दुग्ध प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए अपने गाव या नजदीक पशु चिकित्सालय में मौजूद डाक्टरों से संपर्क करना होगा। डॉ बागड़ ने बताया कि देसी गाय की खरीद पर भी सरकार ने अनुदान देने की नीति बनाई है। देसी गाय की मिनी डेयरी स्थापित करने पर गोपालक को 50 प्रतिशत तक के अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। डॉ. बागड़ ने कहा कि जिले के युवाओं के लिए देसी गायों की मिनी डेयरी स्थापित करने का अच्छा अवसर है। देसी गाय के दुग्ध की माग बाजार में दिनों दिन बढ़ती जा रही है। सरकार ने भी इस दिशा में कारगर कदम उठाएं हैं। झज्जार जिला दिल्ली व गुड़गाव की मार्केट के साथ सटा होने के कारण देसी गाय के दुग्ध व गाय के दुग्ध से अन्य उत्पाद बनाकर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इच्छुक युवा पशुपालन विभाग में जाकर विस्तार से जानकारी लेकर देसी गाय की मिनी डेयरी स्थापित कर सकते हैं।