कर्मचारियों को दो दिन से नहीं मिल रही लीक पेयजल लाइन
जागरण संवाददाता, बहंादुरगढ़ : बस स्टैंड के पास मेट्रो स्टेशन के लिए निर्माण कंपनी की ओर से डाइवर्ट
जागरण संवाददाता, बहंादुरगढ़ :
बस स्टैंड के पास मेट्रो स्टेशन के लिए निर्माण कंपनी की ओर से डाइवर्ट की गई पेयजल की बड़ी लाइन अब लीक हो रही है। दो दिनों से विभाग इसे ठीक करने के लिए डाइवर्ट हिस्से को खोज रहा है, लेकिन वह मिली ही नहीं। मेट्रो निर्माण कंपनी के इजीनियरों को भी बुलाया गया, मगर वे जल्दी से नहीं पहुचे। इस बीच खुदाई से बीएसएनल की टेलीफोन लाइन जरूर कट गई। ऐसे में गनीमत तो तब समझो जब यह लाइन ठीक हो जाए।
जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से रोहतक रोड पर 24 इची पेयजल लाइन डाली गई है। विगत में जब बस स्टैंड के पास मेट्रो स्टेशन का निर्माण हुआ तो उससे पहले इस लाइन को डाइवर्ट (मोड़ने) करने की जरूरत पड़ी। मेट्रो निर्माण कंपनी ने इसे जरूरत के अनुसार डाइवर्ट कर दिया, लेकिन अब यह लीक हो रही है। एक-दो दिन से जब पानी रिसकर सड़क पर भरने लगा तो जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसे ठीक करने की प्लानिंग की गई। सबसे पहले वाहनों के लिए सड़क का रास्ता डाइवर्ट किया गया, लेकिन जब खुदाई शुरू की गई तो काफी दूर तक सड़क उखाड़ने के बावजूद लाइन नहीं मिली। ऐसे में विभागीय अधिकारी भी बेचैन हो गए। मेट्रो निर्माण कंपनी के इजीनियरों से संपर्क किया गया, लेकिन वे भी काफी इतजार कराने के बाद पहुचे।
बीएसएनएल की लाइन कटी :
सड़क पर खुदाई में बीएसएनएल की बड़ी फोन लाइन कट गई। इससे झज्जार मोड़ की तरफ बड़े हिस्से में फोन ठप हो गए। इसका पता लगते ही बीएसएनएल कर्मी पहुचे और लाइन को ठीक करने में जुट गए। इस बीच पहले से हुई खुदाई में लाइन नहीं मिली तो उस हिस्से की मिट्टी भराई शुरू की गई। शुक्रवार को दोपहर बाद निर्माण कंपनी के कर्मी पहुचे, लेकिन उन्हे भी इसका पता नहीं था कि पेयजल लाइन को कहा से मोड़ा गया है। ऐसे में यह कार्य इस दिन भी लटका रहा।
लीकेज से समस्या के साथ नुकसान भी :
पेयजल की यह बड़ी लाइन है। ऐसे में इसकी लीकेज से न केवल पीने के पानी की समस्या आ रही है। बल्कि बड़ा नुकसान भी हो सकता है। पानी के लगातार रिसाव से दूर तक सड़क भी धस सकती है। इसीलिए विभाग भी इसे ठीक करने की जल्दी दिखा रहा है, लेकिन दो दिन तो लाइन का डाइवर्जन ही ढूढने में बीत गए। विभागीय अधिकारियों ने संभावना जताई है कि जहा पर लाइन के अंदर कई मोड़ दिए गए है, वहीं से लीकेज मिलेगी। इसी कारण इस डावइर्ट हिस्से को ढूंढा जा रहा है। पूरी समस्या तो तभी दूर हो जाएगी, जब लीकेज वाला हिस्सा मिलेगा।
वर्जन..
मेट्रो निर्माण कंपनी की ओर से जब पेयजल लाइन को डाइवर्ट किया गया तो, इसका मैप भी विभाग को देना चाहिए था, ताकि जरूरत पड़ने पर इस हिस्से को बार-बार खुदाई करके ढूढना न पड़े। कंपनी ने ऐसा नहीं किया, इसलिए अब यह परेशानी आ रही है। बुलाने के बावजूद इजीनियर यहा पर जल्दी से नहीं पहुचे। जब तक लीकेज नहीं मिलती, तब तक को अलग-अलग हिस्से में खुदाई की जाएगी। जब लीकेज मिलेगी तभी समस्या दूर होगी और यह भी तभी साफ हो पाएगा कि लीकेज की वजह क्या है।
-नरेद्र, कनिष्ठ अभियंता, जन स्वास्थ्य विभाग।