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बहादुरगढ़ पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा पीड़ित परिवार

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर से सटे गांव बसंतपुर के एक परिवार को जब पुलिस की तरफ से न्याय नहीं मिला

By Edited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 01:01 AM (IST)
बहादुरगढ़ पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा पीड़ित परिवार

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर से सटे गांव बसंतपुर के एक परिवार को जब पुलिस की तरफ से न्याय नहीं मिला तो उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पीड़ित परिवार ने बताया कि थाना प्रभारी से लेकर आइजी तक ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इसलिए मजबूरी में उन्हें अदालत में जाना पड़ा है। आरोप है कि बहादुरगढ़ पुलिस ने बसंतपुर के युवक को उठाया और हिरासत में रखकर थर्ड डिग्री दी। जिसके बाद उसे पीजीआइ में भर्ती कराया गया और वहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पीड़ित परिवार का कहना है कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं।

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गांव बसंतपुर निवासी राजीव ने बताया कि उसका मामा गौरव पुत्र सतबीर की शादी 2011 में बंगाल की रहने वाली सरस्वती के साथ हुई थी। शादी के एक साल बाद सरस्वती गायब हो गई। जिसके बाद बहादुरगढ़ निवासी सरस्वती की मौसी रीना ने गौरव के खिलाफ सरस्वती को अगवा कराने की शिकायत थाने में दे दी। इस मामले में जांच हुई तो गौरव को पुलिस ने निर्दोष बताया। इसके बाद दिसंबर में फिर से रीना ने गौरव के खिलाफ शिकायत दी कि उसने ही उसकी भांजी सरस्वती को अगवा कराया है और उसकी हत्या कर दी। इसके बाद बहादुरगढ़ पुलिस ने गौरव को 27 दिसंबर 2015 को उठा लिया। आरोप है कि गौरव को एएसआइ ने रीना और अन्य के सामने बुरी तरह से पीटा जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसके बाद पुलिस ने ही उसे पीजीआइ में भर्ती कराया। यहां पर उसकी मौत हो गई। इस मामले में गौरव के भांजे राजीव ने एएसआइ समेत कई के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए शिकायत दी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ब्रेन हेमरेज से मौत होना आया था। पीड़ित परिवार का कहना है आइजी ने भी उन्हें आश्वासन दिया था कि वह इस मामले में कार्रवाई करेंगे। कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण अब राजीव ने हाईकोर्ट चंडीगढ़ में एएसआइ समेत पांच के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए याचिका दायर की है।

अभी तक नहीं आई मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट

इस मामले में बहादुरगढ़ के तहसीलदार मातूराम से मजिस्ट्रेट जांच कराई गई थी। पीड़ित परिवार का कहना है कि अभी तक भी इस मामले में तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। कभी वह बयानों के लिए बुलाते है तो कभी मना कर देते है। आरोप है कि अभी तक पीड़ित परिवार के बयान भी दर्ज नहीं कराए गए है। राजीव का आरोप है सभी अफसर पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

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बेटी को गोद लेने की शुरू की प्रक्रिया

मृतक गौरव की पत्नी सरस्वती अपनी नवजात बेटी पल्लवी को घर पर छोड़कर लापता हुई थी। अब पल्लवी चार साल की है। पल्लवी की मां लापता हो गई और पिता की मौत हो चुकी। अब वह अनाथ है। हालांकि मृतक गौरव की बहन जगबीरी उसकी देखभाल कर रही है। पल्लवी को कानूनी तरीके से गोद लेने के लिए शुक्रवार को जगबीरी ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर की है। अभी भी पल्लवी की पूरी जिम्मेदारी उसकी बुआ जगबीरी संभाल रही है।


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