धान की सरकारी खरीद होने की उम्मीद नहीं
जागरण संवाददाता, झज्जर : क्षेत्र में धान की फसल की कटाई का कार्य शुरू हो गया है। वहीं क्षेत्र में
जागरण संवाददाता, झज्जर :
क्षेत्र में धान की फसल की कटाई का कार्य शुरू हो गया है। वहीं क्षेत्र में कहीं कहीं किसानों ने धान की फसल को निकलने का कार्य शुरू किया हुआ है। लेकिन अभी तक धान में नमी अधिक होने के कारण अभी तक अनाज मंडियों तक नहीं पहुंचा है। सरकार की तरफ बेरी व मातनहेल की मंडियों को धान की खरीद के लिए अलाट किया हुआ है। मंडियों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इस बार प्रदेश सरकार की तरफ से धान की 1509 किस्म की खरीद के लिए केंद्र से अनुमति मांगी थी। लेकिन मार्केट में इसके रेट अधिक होने के कारण यह धान मंडियों में सरकारी खरीद के लिए आता दिखाई नहीं दे रहा है।
वैसे तो झज्जर जिले में धान की सरकारी खरीद नहीं होती है, क्योंकि इस क्षेत्र में सरकार जिस धान की खरीद करती है उसकी रोपाई नहीं होती है। झज्जर जिले में धान कि रोपाई का क्षेत्र न होने के बाद भी किसान यहां पर बासमती धान की रोपाई करते हैं। जबकि सरकार बासमती धान की खरीद नहीं करती है। सरकार की तरफ से पीआर व ग्रेड वन धान की किस्मों की खरीद की जाती है। लेकिन झज्जर क्षेत्र में धान की 1509 व 1121 आदि बासमती धान की फसल बोई जाती है। इस बार सरकार ने 1509 धान की खरीद शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन मार्केट में सरकारी समर्थन मूल्य 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल रेट अधिक होने के कारण सरकारी खरीद के लिए धान की आवक न होने की संभावना है। धान के लिए जिले में मात्र बेरी की अनाज मंडी में ही खरीद होती है। वह भी विभिन्न मिलों के लिए ही आढ़ती धान खरीदते हैं। किसानों से धान खरीदने के बाद आढ़ती उसे विभिन्न कंपनियों को धान की सप्लाई करते हैं। आढ़तियों की बात मानी जाए तो पिछले वर्ष की गई धान की खरीद की करीब 25 करोड़ रुपये कर राशी भी कंपनियों की तरफ से नहीं दी गई है। आढ़तियों का कहना है कि मिल मालिकों की तरफ से अक्टूबर में बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहा है। जिले में कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार करीब 28 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की फसल की रोपाई की गई थी। जिसमें से करीब 5 हजार हेक्टेयर भूमि से किसानों धान की फसल की कटाई कर ली है।
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धान की खरीद के लिए जिले में बेरी व मातनहेल की अनाज मंडी अलाट की गई हैं। अभी तक यहां पर धान की आवक शुरू नहीं हुई है। सरकार की तरफ से मोटे धान की खरीद की जाती है। उसकी खेती क्षेत्र में नहीं होती।
-अशोक शर्मा, डीएफएससी, झज्जर।