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डेंगू के 35 संभावित और मिले

जागरण संवाददाता, झज्जर : क्षेत्र डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में अब तक ड

By Edited By: Published: Thu, 27 Aug 2015 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2015 06:59 PM (IST)
डेंगू के 35 संभावित और मिले

जागरण संवाददाता, झज्जर :

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क्षेत्र डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में अब तक डेंगू के 18 पॉजिटिव केस पाए जा चुके हैं। अब तक 39 मरीजों के सैंपलों की जांच हो चुकी है और बृहस्पतिवार तक के 35 मरीजों के खून के सैंपलों की जांच होनी बाकी है। इन सैंपलों की जांच शनिवार को बहादुरगढ़ की एलाइजा लैब में की जाएगी। हालांकि अभी अस्पतालों से एलाइजा टेस्ट के लिए खून के सैंपल आने निरंतर रूप से जारी हैं।

जिले में पहली बार ऐसा हुआ है कि डेंगू ने जबरदस्त तरीके से दस्तक दी है। इससे पहले डेंगू के इतने अधिक केस कभी भी नहीं पाए गए हैं। पिछले साल भी डेंगू के दो पॉजिटिव व 16 संभावित केस पाए गए थे। इस बार तो स्थिति काफी गंभीर दिखाई दे रही है। संभावित मरीजों की संख्या 70 पार कर चुकी है। इनमें से 18 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिल चुके हैं। बहादुरगढ़ शहर के आठ केस पॉजिटिव पाए गए हैं। जो सुभाष नगर, जौहरी नगर व महावीर नगर के हैं। इनके अलावा कानौंदा पीएचसी के अंतर्गत आने वाले बामड़ौली में तीन व परनाला में एक केस डेंगू पॉजिटिव पाए गए थे। जबकि चार केस दिल्ली व दो केस रोहतक से जुडे़ हैं। अब तक बहादुरगढ़ क्षेत्र के 1325 घरों का सर्वे किया है जहां पर 16 मरीज बुखार के पाए गए हैं। जिनकी स्लाइड बनाने के साथ साथ मरीजों को दवाइयां भी विभाग की तरफ से उपलब्ध करवाई गई हैं।

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अभी तीन माह बाकी

स्वास्थ्य विभाग की बात मानी जाए तो अगस्त, सितंबर, अक्टूबर व नवंबर के महिने डेंगू फैलने वाले महीने माने जाते हैं। अभी अगस्त समाप्ति की ओर है तथा तीन माह बाकी हैं। शुरूआत को देखा जाए तो इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अंत कैसा हो सकता है। डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना प्रबल हो गई है। जिन मरीजों को डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई दिए हैं। उनके खून के नमूने स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लिए गए थे।

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20 कूलर व दो टंकियों में मिला लारवा

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बहादुरगढ़ क्षेत्र में 393 कूलरों व 148 पानी की टंकियों की जांच की गई हैं। इनमें से 20 कूलरों व 2 पानी की टंकियां में एडीज मच्छर का लारवा पाया गया है। जिसके बाद विभाग के कर्मचारियों ने इनके पानी को साफ करवा दिया है। विभाग की तरफ से सात टीमों का गठन किया गया है।

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कैसे होता है डेंगू :

डेंगू हवा, पानी, साथ खाने से या छूने से नहीं फैलता है। मादा जाती के एडिज नामक मच्छर के काटने से होता है। अगर किसी व्यक्ति को डेंगू है और उस व्यक्ति को यह मच्छर काट कर उसका खून पिता है तो उस मच्छर में डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है। जब यह संक्त्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो डेंगू वायरस उस स्वस्थ व्यक्ति में चला जाता है। जिससे डेंगू फैलता है।

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मच्छर की कुछ खास विशेषताए :

- यह दिन में ज्यादा सक्त्रिय होते हैं।

- इन मच्छर के शरीर पर चीते जैसी धारिया होती है।

- ज्यादा ऊपर तक नहीं उड़ पाते है।

- ठंडे और छाव वाले जगहों पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं।

-पदरें के पीछे या अंधेरे वाली जगह पर रहते हैं।

- घर के अंदर रखे हुए शात पानी में प्रजनन करते हैं।

-अपने प्रजनन क्षेत्र के 200 मीटर की दूरी के अंदर ही उड़ते हैं।

-गटर या रास्ते पर जमा खराब पानी में कम प्रजनन करते हैं।

- पानी सुख जाने के बाद भी इनके अंडे 12 महीनों तक जीवित रह सकते हैं।

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डेंगू के लक्षण :

-संक्त्रमित मच्छर के काटने के 3 से 14 दिनों बाद डेंगू के लक्षण दिखने शुरू होते है।

-तेज ठंड लगकर बुखार आना

-सरदर्द

-आंखों में दर्द

-बदनदर्द / जोड़ो में दर्द

-भूख कम लगना

- जी मचलाना, उलटी

-दस्त लगना

-चमड़ी के निचे लाल दाने आना

- गंभीर स्थिति में आंख, नाक में से खून भी निकल सकता है।

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ये है डेंगू का इलाज :

-डेंगू बुखार की रोकथाम देखभाल ही इसका सबसे अच्छा और बेहतर इलाज है।

-डेंगू बुखार की कोई विशेष दवा या वैक्सीन नहीं है।

-चिकित्सक की सलाह पर इलाज लें। इस रोग से शरीर पर होने वाले प्रभाव से बचने के लिए रोगी को डॉक्टर की सलाह अनुसार आराम करना चाहिए और समय पर दवा लेना चाहिए।

-रोगी को पर्याप्त मात्रा में आहार और पानी लेना चाहिए। बुखार के लिए डॉक्टर की सलाह अनुसार इलाज लेना चाहिए।

- बुखार या सरदर्द के लिए चिकित्सक की सलाह के बिना दवाईयों का उपयोग न करे।

- डॉक्टर की सलाह अनुसार नियमित डेंगू की जांच करना चाहिए।

-हमारी रोगप्रतिकार शक्ति डेंगू बुखार से लड़ने में सक्षम होती है, इसलिए हमें हमेशा योग्य संतुलित आहार और व्यायाम द्वारा रोग प्रतिरोग शक्ति को बढाने की कोशिश करनी चाहिए।

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डेंगू बचाव के उपाय :

- घर के अंदर और आस-पास पानी जमा न होने दे। कोई भी बर्तन में खुले में पानी न जमने दे।

-बर्तन को खाली कर रखे या उसे उलटा कर कर रख दें।

-अगर आप किसी बर्तन, ड्रम या बाल्टी में पानी जमा कर रखते है तो उसे ढक कर रखे।

-अगर किसी चीज में हमेशा पानी जमा कर रखते है तो पहले उसे साबुन और पानी से अच्छे से धो लेना चाहिए, जिससे मच्छर के अंडे को हटाया जा सके।

-घर में कीटनाशक का छिड़काव करें।

-कूलर का काम न होने पर उसमे जमा पानी निकालकर सुखा कर दें। जरुरत होने पर कूलर का पानी रोज नियमित बदलते रहें।

-किसी भी खुली जगह में जैसे की गड्डों में, गमले में या कचरे में पानी जमा न होने दें। अगर पानी जमा है तो उसमे मिटटी डाल दें।

-खिड़की और दरवाजे में जाली लगाकर रखे। शाम होने से पहले दरवाजे बंद कर दें।

-ऐसे कपड़े पहने जो पूरे शरीर को ढक सकें।

-रात को सोते वक्त मच्छरदानी लगाकर सोएं।

-अन्य मच्छर विरोधी उपकरणों का इस्तेमाल करें।

-अगर बच्चे खुले में खेलने जाते है तो उनके शरीर पूरे शरीर ढके ऐसे कपड़े पहनाए।

-अपने आस-पास के लोगों को भी मच्छर को फैलने से रोकने के लिए प्रोत्साहित करें।

-अपने आस-पास में अगर कोई डेंगू बुखार के मरीज का पता चलता है तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम को दे, जिससे तुरंत मच्छर विरोधी उपाय योजना की जा सके।

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डेंगू के लिए हाई रिस्क एरिया में फोगिंग का कार्य शुरू करवा दिया गया है। विभाग की सात टीमें सर्वे करने में जुटी हैं। जहां भी कोई बुखार का मरीज मिल रहा उसे दवाई उपलब्ध करवाने के साथ साथ उसकी स्लाइड भी बनाई जा रही हैं। अभी तक 35 सैंपलों की जांच होनी बाकी है। शनिवार को उनकी जांच की जाएगी।

-नितिन गुप्ता, महामारी रोग विशेषज्ञ, झज्जर।


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