मौसम की बेरुखी से किसानों के माथों पर चिंता की लकीरें
जागरण संवाददाता, बहंादुरगढ़ : कई दिनों से मौसम में बनी बेरुखी से यहंां के धान उत्पादक किसानों के माथ
जागरण संवाददाता, बहंादुरगढ़ : कई दिनों से मौसम में बनी बेरुखी से यहंां के धान उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। लगातार तेज धूप खिलने से कई जगहंों पर तो धान की फसल में दरारें बन गई हैं। उधर, मौसम विभाग की ओर से अगले दो दिनों में बारिश की आशंका जताई गई हैं, लेकिन यदि बारिश नहंीं हंोती हैं तो उससे भूमि पुत्रों का संकट बढ़ सकता हैं।
क्षेत्र में धान की रोपाई हंो चुकी हैं। इक्का-दुक्का किसान अभी भी इस कार्य में जुटे हैं लेकिन पहंले से जो किसान ज्यादातर रकबे में धान लगा चुके हैं, वे अब पशोपेश में हैं।
एक सप्ताहं से नहंीं हुंई बारिश :
धान की रोपाई के लिए फसल में पानी के साथ-साथ मौसम में नमी की जरूरत होती हैं, मगर फिलहंाल इन दोनों हंी बिंदुओं पर स्थिति अनुकूल नहंी हैं। इससे किसान परेशान हैं। पिछले एक सप्ताहं में बारिश नहंीं हुई हैं। दो दिन पहंले छिटपुट बूंदे गिरी थी। उसकी मात्रा भी सिर्फ साढे़ छहं मिलीमीटर हंी रहंी। इसका फसल को नाम मात्र फायदा भी नहंीं मिला। इतना हंी नहंीं पूरे सप्ताहं में आसमान में बादलों की आवाजाहंी तो रहंी लेकिन तेज धूप भी बराबर निकल रहंी हैं। इससे खेतों में जो नमी थी, वहं गायब हंो रहंी हैं। किसानों का कहंना हैं कि तेज धूप के कारण जिस फसल में पानी हैं, वहं गर्म हंो रहंा हैं। इससे भी पौधों को नुकसान पहुंचता हैं। फिलहंाल तापमान 37 डिग्री तक पहुंच गया हैं। जबकि सोमवार को न्यूनतम 28 डिग्री दर्ज किया गया।
अब दो दिन बारिश के आसार
हंरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों में बारिश के आसार हैं। मगर इन दो दिनों में भी बारिश नहंीं हुंई तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्षेत्र के किसान करतार सिंहं, मोहंनराम, प्रकाश दलाल ने बताया कि मानसून के आगमन पर अच्छी बरसात के बाद अब गर्मी बढ़ गई हैं। इससे दिक्कत हंो रहंी हैं। अब जल्द हंी बारिश नहंीं हंोती हैं तो फिर फसल सूखने लगेगी।
बारिश में देरी का अभी असर नहंीं : एसडीओ
कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी डॉ. सुनील कौशिक का कहंना हैं कि पिछले एक सप्ताहं में बारिश मामूली हुंई हैं। कई बार गांव में तो बारिश हंोती हैं और शहंर में नहंी। अभी ऐसा कोई असर नहंी दिखा हैं जब बारिश में देरी के कारण फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ा हंो। अभी दो दिन बारिश के आसार हैं। प्रकृति पर किसी का जोर तो नहंीं, लेकिन उम्मीदें बनी हुंई हैं।