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दो थर्मल प्लांट, फिर भी बिजली को तरस रहे लोग

जागरण संवाददाता, झज्जर : प्रदेश के लोगों को बिजली उपलब्ध करवाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करके जिल

By Edited By: Published: Wed, 27 May 2015 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 01:00 AM (IST)
दो थर्मल प्लांट, फिर भी बिजली को तरस रहे लोग

जागरण संवाददाता, झज्जर :

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प्रदेश के लोगों को बिजली उपलब्ध करवाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करके जिले में 2830 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए दो थर्मल प्लांटों की स्थापना की गई है। इसके बावजूद जब झज्जर के लोग ही पर्याप्त बिजली को तरस रहे हों तो इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में बिजली की क्या स्थिति होगी। प्लांट की यूनिटें नौ डिमांड के कारण कभी एक तो कभी दो बंद पड़ी रहती हैं। भयंकर गर्मी के मौसम में जिस प्रकार तापमान बढ़ रहा है। उसी प्रकार बिजली के कट भी बढ़ते जा रहे हैं। चाहे शहर हो या गांव बिजली के अघोषित कटों की भरमार है। बिजली के बार-बार लगने वाले कटों से लोगों के दिनचर्या के काम काज पूरी तरह से प्रभावित हो गए हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में तो बिजली समय पर न आने के कारण पेयजल संकट भी मुंह बाए खड़ा है। जलघरों की मोटरें बंद पड़ी रहती हैं। दिन के समय दो से तीन घटें भी बिजली नहीं मिल पा रही है। उसमें भी अनेक बार बिजली के कट लग जाते हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में बिजली निगम की तरफ से दो ग्रुपों में 12-12 घंटे बिजली आपूर्ति का शेड्यूल जारी किया हुआ है। लोगों को दो घंटे दिन के समय और 10 घंटे रात के समय बिजली उपलब्ध कराने का शेड्यूल होने के बावजूद लोगों को उसके अनुसार भी बिजली नहीं मिल पा रही है। जबकि शहरी क्षेत्र में 24 घंटे बिजली देने के शेडयूल के बावजूद दिन भी बिजली के बार-बार कट लग रहे हैं।

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विद्यार्थियों की बढ़ रही परेशानी

जिले में करीब साढे़ पांच सौ सरकारी स्कूल हैं। इन में करीब 70 से 80 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। जिले के शहरी क्षेत्र में सरकारी स्कूलों की संख्या 15 से 20 के बीच है। बाकि सरकारी स्कूल ग्रामीण क्षेत्र में हैं। दिन के समय मात्र दो घंटे ही बिजली बड़ी मुश्किल से मिल पाती है। बाकि समय विद्यार्थियों को भंयकर गर्मी के दौरान कमरों में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है। सरकारी स्कूलों में न तो इंवेटर की सुविधा है और न ही जनरेटर की। कंप्यूटर लैबों को चलाने के लिए लगाए गए जनरेटरों को चलाने के लिए स्कूलों के पास बजट भी नहीं होता की उनको चलाकर ही कुछ घंटे काम चलाया जा सके। करोड़ों रुपये की लागत से लाए गए ये जनरेटर भी धूल फांक रहे हैं।

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दिन के समय दो घंटे बिजली का शेड्यूल

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के कार्यकारी अभियंता का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में बिजली निगम के मुख्यालय से दिन के समय दो घंटे बिजली आपूर्ति करने के ही आदेश हैं। वह भी ग्रुपों के हिसाब से। बिजली आपूर्ति के लिए दो ग्रुप बनाए गए हैं। शहरी क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति की लाइनों या ट्रांसफार्मरों में कोई गड़बड़ी आ जाए या किसी अन्य कारण से फीडर ब्रेकडाउन हो जाए तो उस स्थिति में बिजली के कट लगाए जाते हैं।


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