किसानों को साढे़ छह अरब का नुकसान
जागरण संवाददाता, झज्जार : तेज बारिश, तूफान और ओलावृष्टि ने किसानों के जेहन में खौफ पैदा करने का क
जागरण संवाददाता, झज्जार :
तेज बारिश, तूफान और ओलावृष्टि ने किसानों के जेहन में खौफ पैदा करने का काम किया है। गेंहू, सरसों, चना, जौ और सब्जी आदि की फसलों पर मौसम की भारी मार पड़ी है। क्षेत्र में गेहूं, जौ व सरसों की मुख्य फसल हैं। इन फसलों के अलावा कुछ क्षेत्र में चने की फसल की बिजाई की जाती है।
बारिश और ओलावृष्टि से पकी हुई सरसों भी टूटकर गिरने लगी है। इसमें करीब 50 प्रतिशत नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। जिससे तिलहन की इस फसल में करीब 48 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आंकलन लगाया जा रहा है। जबकि दलहन की फसल में चने की खेती मुख्य रूप से की जाती है, लेकिन वह मात्र 800 हेक्टेयर भूमि में फसल बोई गई है। इस फसल में भी पचास प्रतिशत नुकसान हुआ है। जिससे करीब 2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिससे बारिश से गेहूं फसल पर अकेले जिला झज्जार के किसानों को छह अरब रुपये की चपत लगने की आशंका है। हालाकि यह आकड़े अभी प्रारभिक हैं। वास्तविक स्थिति का अंदाजा विभाग की ओर से होने वाले सर्वे और किसान की ओर की जाने वाली फसल कटाई के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। देखा जाए तो जिला के खेतों में मार्च माह के आगाज से पूर्व बंपर फसल की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन अब मार्च की शुरूआत में बदले मौसम के मिजाज का आलम यह है कि प्राय: खेतों में किसानों के अरमानों पर ओलावृष्टि व वर्षा ने कहर बरपाया था।
गेंहू की एक लाख पाच हजार हैक्टेयर तथा सरसो की 30 हजार हेक्टेयर की फसल में बुआई की गई थी। जिसको लेकर माना जा रहा है कि करीब 20 से 25 फीसदी कुल बुआई का क्षेत्र प्रभावित हुआ है और पानी के खड़े रहने की स्थिति में यह नुकसान और बढ़ गया है।
कृषि विभाग के एसडीओ जगजीत सिंह सांगवान का कहना है कि हर खेत में 25 प्रतिशत नुकसान हुआ है। इसके अलावा जहां भी बरसात व ओलावृष्टि अधिक हुई है वहां 100 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान हुआ है। जिससे औसतन नुकसान 40 प्रतिशत का आंकलन किया गया है। जबकि सरसों की फसल में भी पांच क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर नुकसान का आंकलन है। चने की फसल में करीब दो करोड़ का नुकसान हुआ है।