मुनाफे की होड़ में स्वास्थ्य से खिलवाड़
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : पेड़ों पर आम अभी पका नही है। सीजन शुरू हो गया है। प्राकृतिक रूप से आम अभ
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : पेड़ों पर आम अभी पका नही है। सीजन शुरू हो गया है। प्राकृतिक रूप से आम अभी पूरी तरह कच्चा है, लेकिन बाजार में सजे आम पर पीलापन खूब चढ़ा है। देखने में यह पका लगे, मगर इसमें भी राज है। यह आम खुद नहीं पका है और न ही इसे धीमी और कुछ हद तक सुरक्षित प्रक्रिया में पकाया गया है, बल्कि जल्दी से जल्दी मुनाफा कमाने की चाहत में पहले इसे मसाले की आग में झोंक दिया गया और उसके बाद बाजार में बिक्री के लिए सजाया गया है।
दरअसल, सीजन की शुरूआत पर हर किसी मन आम खाने का होता है और बाजार में एकदम पका हुआ नजर आने वाला पीला आम हर किसी को अपनी ओर खींच भी लेता। मगर इस आम को खाने से पहले जरा अपने आप को रोकिए। वरना आज बाजार में बिकने वाला यह लुभावना आम सेहत को नासाज कर सकता है क्योंकि यह आम केमिकल युक्त मसाले लगाकर बेहद जल्दी तैयार किया गया है। ज्यादा और जल्दी मुनाफा कमाने की होड़ में स्वास्थ्य से यह खिलवाड़ किया जा रहा है। अत्यधिक मसाले डालकर आम को रातोंरात पकाने की जद्दोजहद हो रही है। बाजार में इन दिनों रेहड़ियों पर सजे पीले-पीले आम बरबस ही इंसान को अपनी ओर खिंचते है। इन्हे देखते ही मन आम खाने को मचल उठता है, यह चाह काफी खतरनाक साबित हो सकती है क्योंकि आजकल इन आमों को पकाने के लिए जिन रासायनिक मसालों का प्रयोग किया जा रहा है, असल में वे बहुत खतरनाक है। हालाकि मसाले से आम पहले भी पकते रहे है, मगर अब इसकी अवधि घटाई जा रही है। कम मसाला लगाने पर आम को पकने में कुछ दिन लग जाते है। ऐसे में इसे जल्दी पकाने के लिए ज्यादा मसाला इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मसाला भी जहरीले केमिकल से तैयार किया होता है। चिकित्सकों के अनुसार केमिकल लगाकर आम को पकाने से उक्त मसाले के जहरीले तत्वों का समावेश हो जाता है, क्योंकि जब किसी केमिकल से किसी फल का रग बदल रहा है तो साफ है कि उसे तत्व का अंश भी उसमें आ चुका है। इस प्रकार से पके हुए आम को खाने से इंसान कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ सकता है। जबकि इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि इससे आम के स्वाद में तो अंतर आता है लेकिन यह बहुत ज्यादा हानिकारक हो जाता हो ऐसा उनकी जानकारी में नही है। जानकारों ने बताया कि आम का सीजन अभी शुरू हुआ है। ऐसे में अभी पेड़ की डाल पर आम पका नही है। ऐसे में कच्चे आम की आवक ज्यादा हो रही है। उसे जल्दी से जल्दी उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के फेर में तेजी से पकाया जाता है। इसके लिए अधिक मात्रा में केमिकल युक्त मसाले का प्रयोग हो रहा है। मसाला पहले भी जरूरत होने पर लगाया जाता रहा है लेकिन पहले इसकी मात्रा काफी कम रहती थी, चूंकि अभी आम बिलकुल कच्चा आ रहा है। इसलिए जल्द पकाने के लिए अधिक मसाले का प्रयोग किया जा रहा है। केमिकल युक्त मसाले से तैयार आम खाने से शरीर पर कई दुष्प्रभाव पड़ते है। सामान्य अस्पताल के डॉ. मुकेश ने बताया कि फलों को पकाने में जिस तरह के केमिकल इस्तेमाल होते है, उससे जिगर, लीवर, गुर्दे व पेट की आंतें संक्रमित हो सकती है। साथ ही बदहजमी, पेट भारी होना, छाती में जलन, सांस में खिंचाव तथा उल्टी की शिकायत हो सकती है। ऐसे में आम को खाने में जल्दबाजी न करें।
अच्छा भाव लेने की जुगत
दरअसल आम का सीजन अभी शुरू हुआ है। जाहिर है कि कोई भी चीज जब बाजार में उतरती है तो उसका भाव तेज होता है। इसी का फायदा उठाने के लिए आम को बाजार में उतारा गया है। फल विक्रेता रामतीर्थ व राजेश ने बताया कि सीजन का फल रखना मजबूरी है, लेकिन इन दिनों आम ऐसा है कि एक-दो दिनों तक उसमें चमक रहती है, लेकिन कुछ दिन में यह खराब होता है।