गले की फांस बने सरकार के निर्देश
जागरण संवाददाता, झज्जर : शुक्रवार को माजरा गाव की मंडी में भी गेहूं खरीद को लेकर आए सरकार के नए आदेश
जागरण संवाददाता, झज्जर : शुक्रवार को माजरा गाव की मंडी में भी गेहूं खरीद को लेकर आए सरकार के नए आदेशों का किसानों ने विरोध किया। यहां मंडी में बिक्री बंद रही। आढ़तियों की शह पर किसानों ने मंडी के सामने सड़क पर अपनी ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी कर जाम लगा दिया। वहीं जिले की आठ मंडियों में से शुक्रवार को छह मंडियों में खरीद बंद हो चुकी है। जिला प्रशासन के अधिकारी मंडियों में पहुंच कर खरीद का कार्य बंद हो चुका है। हालांकि कुछ अनाज मंडियों में सुबह के समय गेहूं की कुछ खरीद हुई है। लेकिन दोपहर होते-होते छह अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद बंद हो गई थी।
माजरा में जाम लगाए जाने के दौरान इन किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। जाम लगा रहे इन किसानों का आरोप था कि सरकार ने फसल की खरीद के लिए जो नए आदेश सभी जिला मुख्यालयों पर जारी किए हैं। वह न्याय संगत नहीं है। पहले ही किसान को बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से बर्बाद करके रख दिया है। अब रही-सही कसर सरकार उनके गेहू के भाव भी बुरी तरह से पिटवा कर पूरी कर रही है। करीब घटाभर लगाए गए इस जाम की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो प्रशासन के अधिकारियों की मिली तो जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अशोक शर्मा व तहसीलदार प्रमोद चहल को मौके पर भेजा। मौके पर पुलिस बल के साथ गए इन अधिकारियों ने किसानों को समझा-बुझा कर जाम खुलवाया। अधिकारियों द्वारा जाम लगा रहे इन किसानो को आश्वास्त किया गया कि सरकार ने जो नए आदेश गेहूं खरीद के मसले पर भेजे है उन आदेशों को लेकर उच्च स्तर पर अधिकारियों में बैठक चल रही है। जैसे ही कोई बात सामने आती है तो उसके बाद उसी आधार पर ही उन्हे गेहू की खरीद मसले पर रियायत दे दी जाएगी।
गेहू खरीद के नए नियमों को लेकर खाद्य एवं पूर्ति विभाग के महानिदेशक की ओर से सभी जिला उपायुक्तों व जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रकों को पत्र भेज दिया गया है। बृहस्पतिवार को भेजे गए पत्र में गेहू खरीद के मानकों को स्पष्ट करने के साथ दाने की टूट-फू ट व चमक कम होने पर की जाने वाली कटौती की सीमा भी तय की गई है। नए आदेशों के अनुसार गेहू खरीद के दौरान फसल में 6 प्रतिशत टूट व 10 प्रतिशत तक चमक कम मिलने पर कोई कटौती नहीं की जाएगी। जबकि 8 प्रतिशत टूट होने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का एक प्रतिशत यानि 14 रुपये 50 पैसे व 9 प्रतिशत होने पर दोगुनी यानि 29 रुपये प्रति क्विंटल कटौती की जाएगी। इससे ज्यादा टूट होने पर फसल को नहीं खरीदा जाएगा, इसी तरह 10 प्रतिशत तक चमक कम होने पर कोई कटौती नहीं होगी, जबकि 11 से 50 प्रतिशत तक चमक कम होने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का .25 यानि 3 रुपये 63 पैसे प्रति क्विंटल की कटौती की जाएगी। नए नियमों को लेकर बेरी अनाज मंडी के आढ़तियों में असमंजस का माहौल बन गया। नए नियमों के चलते गेहू की कीमत 1000 रुपये प्रति क्विंटल ही रह जाएगी। जबकि वर्तमान में न्यूनतम समर्थन मूल्य 1450 रुपये प्रति क्विंटल है। जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक अशोक शर्मा भी बेरी अनाजमंडी में पहुचे और आढ़तियों को नए नियमों के बारे में विस्तार से बताया। जब उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि नए नियमों के तहत मिली छूट के बाद ज्यादा से ज्यादा कटौती प्रति क्विंटल 32 रुपये 63 पैसे हो सकती है।
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इन मंडियों में बंद हुई खरीद
जिले में आठ अनाज मंडियां है। इन में से बेरी, मातनहेल, छारा, झज्जर, आसौदा, माजरा डी की मंडियों में खरीद बंद हो चुकी है। जबकि ढाकला व बहादुरगढ़ की अनाज मंडियों में खरीद जारी रहने की बात जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक विभाग की तरफ कही जा रही है।
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डीसी ने किया बेरी मंडी का दौरा
बेरी की अनाज मंडी में बृहस्पतिवार को बंद हुई गेहूं की खरीद व जाम लगाए जाने के मामले के बाद शुक्रवार की सुबह उपायुक्त डॉ. अंशज सिंह दौरा करने पहुंचे। उपायुक्त ने आढ़तियों व किसानों को खरीद शुरू करने के लिए कहा, वे फाइनल फैसला करने को कहा और खरीद कार्य शुरू नहीं किया गया।
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लदान में नहीं आ रही तेजी
जिले की अनाज मंडियों में अब तक 3 लाख 69 हजार 590 क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है और अब तक लदान मात्र एक लाख 25 हजार 730 क्विंटल गेहूं का हो पाया है। जबकि 4 लाख 92 हजार 400 क्विंटल गेहूं की आवक हुई है।
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नए आदेश आने के बाद झज्जर जिले में ही नहीं बल्कि आस पास के अन्य जिलों में भी खरीद बंद हो चुकी है। सरकार के स्तर पर ही फैसला लिया जाना है। अगर सरकार की तरफ से कोई और आदेश जारी किए जाते हैं तो उसके अनुसार खरीद की जाएगी। फिलहाल जो आदेश जारी किए हैं उनका पालन किया जा रहा है।
-अशोक शर्मा, डीएफएसओ, झज्जर।