प्रभावी होने लगा है मलेरिया का मच्छर
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बढ़ते तापमान के बीच मलेरिया का मच्छर भी प्रभावी हो गया है। नतीजतन इससे
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बढ़ते तापमान के बीच मलेरिया का मच्छर भी प्रभावी हो गया है। नतीजतन इससे पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। अभी तक मलेरिया के कई केस सामने आ चुके है। आये दिन बढ़ रही मच्छरों की फौज के प्रकोप से रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा होने की प्रबल संभावना बनी हुई है।
आमतौर पर मलेरिया का खतरा जुलाई से अक्टूबर के बीच होता है। लेकिन अभी से ही मलेरिया के केस सामने आने लगे है। वजह यह है कि इस बार फरवरी-मार्च में 80 मिलीमीटर से अधिक बरसात हुई थी। ऐसे में विभिन्न स्थानों पर जलभराव के कारण मच्छर पनप गए है। इसी वजह से मलेरिया के केस सामने आ रहे है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दी की विदाई के साथ ही मलेरिया की संभावनाएं पैदा हो जाती है। कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। जब तक जांच के दौरान रोगी के खून को मलेरिया कीटाणु रहित न पाया जाये। लेकिन अहम बात तो यह है कि गर्मी की दस्तक के साथ ही मच्छरों का प्रकोप भी शुरू हो गया है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी मच्छर सक्रिय हो गए है। इनकी तादाद इतनी बढ़ गई है कि रात के समय थोड़ी देर के लिए भी बिजली गुल होने पर लोगों की नींद उड़ जाती है। मच्छरों के कारण होने वाली यह परेशानी केवल घरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि सरकारी अस्पताल में हालात और भी बदतर है। अस्पताल भवन के इर्द-गिर्द जमा होने वाले पानी के कारण यहां मच्छर पनप रहे है। नतीजतन यहां पर दाखिल मरीजों को बिजली गुल होने पर रात का समय मच्छरों के हमले के बीच बैठकर गुजारना पड़ता है। और तो और थानों में भी पुलिसकर्मी बेहद दुखी है। शाम होते ही मच्छरों के कारण कागजी कार्रवाई भी प्रभावित होने लगती है। बचाव के इंतजामों के बावजूद मच्छर प्रभावी नजर आते है। उधर, स्वास्थ्य विभाग अभी मच्छरों को बिल्कुल हल्के में ले रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी मच्छर मार दवाईयों के छिड़काव की जरूरत नहीं। जब गर्मी बढ़ेगी और मच्छर ज्यादा प्रभावी होंगे तब इनके खात्मे के लिए दवाइयों का छिड़काव किया जाएगा। दूसरी ओर लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छर मार दवाईयों का छिड़काव देरी से किये जाने के कारण ही पूरी तरह मच्छरों से निजात नहीं मिल पाती। यदि विभाग द्वारा गर्मी के मौसम की शुरूआत में ही छिड़काव किया जाये तो समस्या काफी हद तक खत्म हो सकती है। क्योंकि शुरूआत में मच्छरों की तादाद कम होती है लेकिन बाद में जीवन चक्र बढ़ता रहता है और मच्छरों की फौज खड़ी हो जाती है। जिस कारण दवाईयों का छिड़काव सभी मच्छरों पर प्रभावी नहीं होता। स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. एच आर पासी का कहना कि अप्रैल के आखिर तक मलेरिया की संभावना बनी रहेगी। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
मलेरिया से बचाव के उपाय
1. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे
2. शरीर को ढककर रखें
3. मच्छर भगाने वाले साधनों का प्रयोग करे
4. घरों में घड़ों, कूलरों, होदियों, टंकियों, ड्रमों, फूलदानों व किसी भी बर्तन में ज्यादा दिन तक पानी जमा न होने दें
5. सप्ताह में पानी के बर्तनों व टंकियों को साफ करे।