Move to Jagran APP

आवेश की अग्नि में तबाह हुई तीन जिंदगिया

-तिहरे हत्याकाड से सिहर उठा लोवा कला गाव -एक घर से तीन अर्थिया निकलते देख काप उठे कलेजे -पिता व

By Edited By: Published: Sat, 28 Feb 2015 11:51 PM (IST)Updated: Sat, 28 Feb 2015 11:51 PM (IST)
आवेश की अग्नि में तबाह हुई तीन जिंदगिया

-तिहरे हत्याकाड से सिहर उठा लोवा कला गाव

loksabha election banner

-एक घर से तीन अर्थिया निकलते देख काप उठे कलेजे

-पिता व दो पुत्रों की हत्या के बाद बेसहारा हुआ परिवार

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : एक परिवार के दो पक्षों के बीच पहले मामूली झगड़ा। उसमें आवेश ने इतना उफान लिया कि खून ही खून का प्यासा बन गया। आखिर में नतीजा तीन हत्याओं के रूप में बर्बादी और तबाही। यह खौफनाक दास्ता बहादुरगढ़ के गाव लोवा कला में ही लिखी गई। अब सन्नाटे के बीच सिसकिया और खुशियों की जगह चीखों का आलम है। घर सूना है और चूल्हे ठडे पड़े है। एक ही घर से तीन अर्थिया निकली तो हर किसी का कलेजा काप गया। दो सगे भाईयों के बीच छोटा सा विवाद ऐसा रूप भी ले सकता है, यह सोचकर ही हर कोई सिहर उठा।

गाव में दस्तक देते ही तालाब के साथ दायीं ओर मुड़ रही गली में अब से 24 घटों पहले सब कुछ ठीक था। मगर अब यह गली खून के छींटों से सनी है। जिस परिवार के तीन-तीन खेवनहार थे, वह अब तीनों को खोकर बेसहारा सा हो गया है। इन सब के बीच यह जानकार कलेजा फट रहा है कि यह सब हुआ भी तो अपनों के ही हाथों और वह भी मामूली बात पर। मृतक रामफल की पत्नी सत्यवती पति और दो बेटों को खोने के बाद खुद के साथ घर में दो जवान बहुओं की उजड़ी माग देखकर सुधबुध खो रही है। मृतकों में से रामफल के बड़े बेटे सुमित का सिर्फ एक साल का बेटा है। जबकि छोटे बेटे दीपक की शादी तो एक साल पहले ही हुई थी। उसकी पत्नी ने महीना भर पहले ही बेटी को जन्म दिया है। दोनों मासूम के सिर से उनके पिता व दादा का साया उठ गया।

घटना से स्तब्ध है ग्रामीण

पीड़ित परिवार सदमे में है तो गाव के तमाम लोग इस घटना से स्तब्ध हैं। इतनी बड़ी अनहोनी का किसी को सपने में भी ख्याल न था। सब-कुछ इतनी जल्दी हुआ कि कोई कुछ न कर पाया। गाव के लोग यहा पहुचकर बेसुध महिलाओं को ढाढस बंधा रहे है। कोई भी इस वारदात को लेकर कुछ नहीं बोल पा रहा। मामला सगे भाइयों के बीच होने के कारण हर कोई चिंतित नजर आया। पुलिस के मुताबिक वारदात में 315 बोर, 12 बोर व रिवाल्वर का इस्तेमाल हुआ है और 15 राउड से ज्यादा गोलिया चली है। तीनों पिता-पुत्रों को कई-कई गोलिया सिर व सीने में उतारी गई। ये तीनों ही हथियार लाइसेंसी है और योगेश के नाम पर है।

रातभर हमलावरों व शवों को तलाशती रही पुलिस

पुलिस के पास सूचना पहुची तो तमाम अधिकारी दलबल के साथ गाव की तरफ दौड़ पडे़। मौके से शवों को गाड़ी के अंदर ही डालकर हमलावरों के भागने और एक युवक का भी अपहरण किए जाने की जानकारी मिली तो पुलिस भी सकते में आ गई। संभवतया पुलिस के सामने भी किसी तिहरे हत्याकाड में ऐसी स्थिति पहली बार थी। पुलिस ने हमलावरों का पीछा किया। चारों तरफ नाकाबंदी की गई। रात भर पुलिस शवों और हमलावरों को तलाशी रही। बाद में दो शव सोनीपत के नाहरा गाव के पास नहर किनारे मिल गए। शनिवार सुबह पुलिस दोनों शवों को लेकर बहादुरगढ़ पहुंची। सुमित का शव कई घटों बाद हलालपुर गाव के पास नहर से बरामद किया गया।

ये हों चुकी वारदातें

पिछले कुछ दिनों से तो बहादुरगढ़ क्षेत्र में दोहरे, तिहरे व चौहरे हत्याकाड की जैसे बाढ़ सी आ गई है। लगातार यह सिलसिला चल रहा है। इनमें एक बात यह भी उभरकर सामने आ रही है कि वारदात को अंजाम देते हुए हमलावरों के हाथ जरा भी नहीं काप रहे। कानून व्यवस्था की तो जैसे किसी को कोई परवाह ही नहीं। कुछ मामले गैंगवार और कुछ आपसी रजिश से जुड़े है। कई मामले ऐसे है जो छोटी सी वजह की परिणति बने है। हाल ही में दिल्ली के मितराऊ में चार युवकों की हत्या की गई और शवों को ईस्सरहेड़ी में जलाया गया। जबकि इससे पहले मकान के विवाद में ईस्सरहेड़ी गाव में पिता-पुत्र की हत्या की गई। इस वारदात के पीछे भी परिवार के सदस्य ही शामिल थे। इससे पहले डाबोदा गाव में दो सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इनमें एक दिल्ली पुलिस में था तो दूसरा सेना में। यह झगड़ा भी मामूली सी बात को लेकर हुआ था। बहादुरगढ़ के कश्मीरी कालोनी में दो भाइयों की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई थी उनके प्लाट को कब्जाने की कोशिश की जा रही थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.