भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं देती है नई उर्जा : युवराज
जागरण संवाददाता, झज्जर : ज्ञान यज्ञ आयोजन समिति की तरफ से श्रीललिता प्रसाद दुर्गा मंदिर बूड़ा महादेव
जागरण संवाददाता, झज्जर : ज्ञान यज्ञ आयोजन समिति की तरफ से श्रीललिता प्रसाद दुर्गा मंदिर बूड़ा महादेव में श्रीमद्भागवत कथा के पाचवें दिन मुख्य वक्ता के रूप में भागवताचार्य पंडित युवराज शर्मा ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बाल अवस्था में ही श्रीकृष्ण ने पाच प्रतिज्ञाएं की थी। जिनमें जब तक अपने माता-पिता वासुदेव व देवकी को जेल से मुक्त नही करवाऊंगा तब तक वस्त्र ग्रहण नही करूंगा। माता-पिता मुक्त न हो जूते-चप्पल नही पहनुंगा। माता-पिता जब तक मुक्त न हो घर का निर्माण नही करूंगा। माता-पिता के बंदी रहते विवाह नही करूंगा। पका हुआ भोजन नही करूंगा। इसलिए श्रीकृष्ण भगवान को मिश्री का भेग लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने बाल्यकाल में इन पाच प्रतिज्ञाओं को निभाया और कंस को मार कर द्वारकाधीश बनें। आज श्री मद्भागवत के दौरान गोवर्धन पूजन भी धूमधाम से किया गया। गोवर्धन के संबंध में उन्होंने कहा कि गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी सी उगली पर उठाकर भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इन्द्र के अभिमान को चकनाचूर किया था। इस अवसर पर 56 भोग लगाकर भगवान का पूजन भी किया गया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से हमें नया जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है तथा भगवान श्रीकृष्ण के पूरे जीवन में घटित बाते हमें जीने की नई राह दिखाती है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में यह स्पष्ट बताया गया है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है। भगवान की लीलाएं नई उर्जा प्रदान करती है। युवराज शर्मा ने कहा कि धार्मिक आयोजनों से हमारे भीतर अच्छे विचार उत्पन्न होते है। धार्मिक आयोजन भारतीय संस्कृति को बचाए रखने में काफी सहायक साबित होते है। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य इतना व्यस्त हो गया है कि उसके पास भगवान के सिमरन तक का समय नही है। यही कारण है कि आज हर मनुष्य चिंता से घिरा नजर आता है। उन्होंने कहा कि भगवान का सिमरन हर दु:ख का इलाज है। श्री मद्भागवत कथा के बीच में साथ आए संगीताचार्यो के साथ कथा वाचक युवराज शर्मा ने जब मधुर भजनों का रसापान करवाया तो कथा स्थल पर बैठे श्रद्धालु भगवान की भक्ति में झूमते नजर आए। कथा वाचक युवराज शर्मा ने श्रद्धालुओं से आहवान किया कि अपने व्यस्त समय में से कुछ समय भगवान के सिमरन में जरूर लगाए। इस अवसर पर मुख्य यज्ञमान के रूप में जयकिशन गोयल शोरे वाले, मुख्य सहयोगी ताराचन्द अग्रवाल, कन्हैया लाल गर्ग, एडवोकेट माणक चन्द्र गुप्ता, प्रकाश चन्द गर्ग, महेश गुप्ता, पंडित शिवओम भारद्वाज, रविन्द्र राय मौजूद रहे।