करोड़ों के घाटे की हो उच्च स्तरीय जांच
जागरण संवाददाता, झज्जर : हरियाणा प्रदेश का कर्मचारी अपनी ड्यूटी का निर्वहन पूर्ण निष्ठा व ईमानदार
जागरण संवाददाता, झज्जर :
हरियाणा प्रदेश का कर्मचारी अपनी ड्यूटी का निर्वहन पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी के साथ कर रहा है। पंजाब से अलग अस्तित्व में आने के बाद पूर्ववर्ती सरकारों से जो मागे मनवाई वो लंबे आदोलनों व संघर्ष के बलबूते पर हासिल की है। यह बात हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने यहां जारी एक लिखित ब्यान में कही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार से भी राज्य के कर्मचारी वर्ग को विशेषकर उन मागों को जो सत्तारूढ़ पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल थी, जिनमें मुख्य रूप से पंजाब के समान वेतनमान, सभी कच्चे कर्मियों को पक्का करना, छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करना, राज्य में खाली पड़े लाखों रिक्त पदों को स्थाई भर्ती द्वारा नियम पूर्वक भरना शामिल था। प्रदेश सचिव ने राज्य के वित्त मंत्री के पंजाब के समान वेतनमान बारे समीक्षा की बात कहने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उपरोक्त मांगे तो वर्तमान सरकार के चुनाव घोषणा पत्र में ही शामिल थी अब समीक्षा का प्रश्रन् कहां से पेदा हो गया। यदि सरकार ने समीक्षा ही करनी है तो राज्य परिवहन के 3519 प्राइवेट रूट परमिट के फैसले को रद्द करे, सुधारीकरण के नाम पर बिजली बोर्ड को जब से निगम का दर्जा दिया है। उसके उपरात करोड़ों रुपये के घाटे की उच्च स्तरीय जाच कराए। सभी विभागों में निजीकरण, ठेका प्रथा व पीपीपी पर रोक लगाते हुए बंद पड़ी भर्ती को खोलकर स्थाई भर्ती करे। जिससे सरकारी कार्य में कुशलता व तीव्रता बढ़ेगी। उन्होंने हरियाणा कर्मचारी महासंघ की तरफ से स्पष्ट किया कि कर्मचारी वर्ग के हितों पर कुठाराघात करने का प्रयास सरकार द्वारा किया गया तो उनका संगठन तीव्र विरोध करेगा। राज्य के कर्मचारी वर्ग की जो मुख्य मांगे है वो प्रारंभिक स्तर पर जनता की ही मागे है। अपने चुनाव घोषणा पत्र में जो मागे सरकार की ओर से की गई थी उन्हे जल्द ही लागू करे। इस अवसर पर जिला प्रधान रणबीर गहलौत, उप प्रधान कृष्ण कुरड़ा, सचिव मनोज दांगी, कृष्ण कुमार, कर्मबीर चाहार, कमलेश देवी, गंगादेव आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।