शिष्य ही नहीं गुरु भी शिक्षक दिवस से अनभिज्ञ
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़
..क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस, ..कौन थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और 5 सितंबर के दिन किस महत्व के साथ मनता है शिक्षक दिवस। ऐसे तमाम सवालों पर सिर्फ शिष्य ही नहीं बल्कि ऐसे गुरुओं भी संख्या अच्छी खासी है जो कुछ नहीं जानते। उन्हे पता ही नहीं कि शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व है क्या?
शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर विद्यार्थियों और शिक्षकों के मुंह से जवाब सुनकर मन में पहला सवाल तो यही उठा कि वर्षो बाद भी यह दिवस अपनी सार्थकता से दूर है। हर वर्ष स्कूलों में यह दिवस मनता है लेकिन क्यों और किस लिए मनाया जाता है। इतना भी सभी को नहीं पता। यह दिवस क्या संदेश देता है इस पर विद्यार्थी तो दूर शिक्षकों को भी ज्यादा जानकारी नहीं है। दसवीं में 90 फीसदी अंक हासिल करने वाली छात्रा रीतिका अब बारहवीं कक्षा में है। उससे पूछा गया कि डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे, तो उसका कहना था कि वे एक डाक्टर थे। इसके बाद एक शिक्षिका से जब इस बारे में पूछा गया तो पहली बात तो शिक्षिका ने डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम ही उल्टा बताया। शिक्षिका को यह तो मालूम था कि डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक थे लेकिन वे भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति और उसके बाद राष्ट्रपति बने, इस बारे में शिक्षिका को मालूम नहीं था। यह कहानी सिर्फ एक शिक्षिका या एक छात्रा की नहीं बल्कि क्षेत्र के सरकारी और निजी स्कूलों के ऐसे न जाने कितने विद्यार्थी और शिक्षक मिले, जिन्हे इस बारे में पता ही नहीं था। कुछ ने तो सिर्फ इतना ही कहा कि उन्हे यह मालूम है कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस होता है, क्यों होता है इसकी उन्हे जानकारी नहीं।