ट्रेनों में सुरक्षा राम भरोसे
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बृहस्पतिवार की सुबह दिल्ली की ओर जा रही आभा तूफान एक्सप्रेस में इजीनियरिग के छात्र की हत्या के बाद ट्रेनों में सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है। विगत में रात के समय एक्सप्रेस ट्रेनों में लूटपाट की घटनाओं को ज्यादा वक्त नहीं बीता है। अब हत्याकाड से पुलिस के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है।
बेशक यह हत्या किसी तरह की रजिश का परिणाम मानी जा रही है, मगर ट्रेन में बेपरवाह होकर सीट पर लेटे जींद के इजीनियरिग छात्र मनोज की गोली मारकर हत्या किए जाने की वारदात ने पूरी तरह से ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। हमलावर कौन था, किस स्टेशन से सवार हुआ था, उसके पास टिकट था भी नहीं और पिस्तौल लेकर पहले वह किसी स्टेशन पर पहुचा और फिर ट्रेन में भी सवार हो गया। बाद में वारदात को अंजाम देकर भाग निकला, पर सुरक्षा व्यवस्था शायद कहीं उसके मंसूबों में रोड़ा नहीं बनी। ये तमाम सवाल ऐसे है जिनका जवाब पुलिस को अभी तलाशना है। खास बात तो यह है कि ट्रेनों के अंदर सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत तभी से महसूस की जा रही है जब पिछले दिनों बहादुरगढ़ से रात के समय गुजरने वाली कई एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों के साथ एक के बाद एक लूट की कई वारदातें हुई। पुलिस ने उस समय सुरक्षा तो बढ़ाई, लेकिन जैसे ही लूटपाट की वारदातों में शामिल गिरोह पकड़ा गया, तो पुलिस ने भी ट्रेनों के अंदर सुरक्षा की व्यवस्था से एक तरह से हाथ खींच लिए। पुलिस के अधिकारी तो अब दावा कर रहे है कि कई ऐसे बिंदु है जिन पर छानबीन के बाद मामले को सुलझा लिया जाएगा। सबसे पहले तो मरने वाले युवक और उसके दोस्त दोनों के मोबाइलों की काल डिटेल खंगाली जाएगी। इससे बात नहीं बनती है तो कुछ समय पहले जींद में जो हत्या की वारदात हुई थी, उससे जुड़े लोगों से पूछताछ होगी। हत्या का यह मामला इसके इर्द-गिर्द ही मिलेगा। सुरक्षा को लेकर बहादुरगढ़ जीआरपी थाना प्रभारी सुरेद्र सिंह का कहना है कि स्टेशन पर लगातार गश्त की जाती है। ट्रेन में भी पुलिस कर्मी होते है।
आख खुलते ही मची चीख पुकार
बताते है कि जिस समय ट्रेन में गोली चली, उस समय ज्यादातर यात्री सो रहे थे। मरने वाला मनोज भी सीट पर लेटा हुआ था। अचानक गोली चली तो यात्रियों की आखें खुल गई। बाद में मनोज को लहूलुहान हालत में निढाल देखकर सभी यात्रियों में चीख पुकार मच गई। काफी यात्रियों ने यहा से आगे के सफर के लिए बोगी ही बदल दी।