कहीं सेहत न बिगाड़ दे दूध
संवाद सूत्र, बादली : देशा में देश हरियाणा, जहा दूध दही का खाणा कहावत, अब कहावत ही बनकर रह गई है। शहरों में ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन के घटते रूझान से दूध की किल्लत बढ़ा दी है। ऐसे में मिलावटी दूध और नकली दूध भी बाजारों में बिक रहा है। जो हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ रहा है। इन दिनों बाजारों में यूरिया से बना नकली दूध बिक रहा है। ऐसे में दूध खरीदते समय सावधानी बरतना आवश्यक है
दूध के दामों में हुई बढ़ोतरी
गर्मी के समय में दूध का उत्पादन कम होने के कारण तो यह संकट और भी गहरा जाता है। जिसके कारण लगातार दूध के दामों में भी बढ़ोतरी होती रहती है। गर्मियों के समय में जहा दूध के उत्पादन में कमी आती है वहीं दूसरी ओर गाय और बकरी का दूध उत्पादन बढ़ता है। मगर अब तो गावों में भी गाय और बकरी नाममात्र ही बची है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस समय 40 से 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भैंस का दूध बिक रहा है।
गावों में भी थैलियों का दूध
जहा ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ समय पहले तक दूध की पैकिंग वाली थैलिया नजर नहीं आती थी वहीं अब गावों में भी दूध की पैकिंग की अत्यधिक खपत देखने को मिलती है। हर गाव में कई-कई दूध की डेरिया खुली हुई है। जहा पर प्रतिदिन सैकड़ो किलो दूध की बिक्री हो रही है। यहा पर 20 से 22 रुपये प्रति आधा किलो की दूध की थैली बिक रही है। जिसका किलो में भाव देखा जाए तो 40 से 44 रुपये प्रति किलो बनता है। एक ओर इन्हीं गावों से गाय व भैंसों का हजारों लीटर दूध बिक्री के लिए दिल्ली जैसे शहरों में ले जाया जाता है।
शहरीकरण ने घटाए पशु
शहरों में भी अब सीमित स्थानों व घरों में ही अब पशु नजर आते हैं। पहले शहरों की अनेक कॉलोनियों में लोग पशु पालते थे। मगर अब लोगों का पशुपालन से मोह भंग होता जा रहा है। आधुनिकरण, मशीनीकरण व फैशन के साथ दिखावे के चलते नई पीढ़ी तो अब बिल्कुल ही पशुपालन के काम से किनारा कर एक ओर होने लगी है। घटता पशुधन दूध के कम उत्पादन का सबसे मुख्य कारण है। दूध की माग बढ़ने के कारण पशुओं की कीमतो में भी काफी तेजी आई है। एक साधारण सी भैंस की कीमत भी कम से कम 70 से 80 हजार रुपये तक होती है। वहीं अच्छी नस्ल की दुधारू भैंस की कीमत दो से ढाई लाख को भी पार कर जाती है।
दूध के प्रयोग में बरते सावधानी
इन दिनों जहा एक ओर दूध की कमी चल रही है। वहीं उसकी माग भी लगातार बढ़ रही है। गावों में राजस्थान से आए पशु पालक मात्र 20 से 24 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दूध बेच रहे है। गावों में सुबह दिन निकलने के साथ ये राजस्थानी चरवाहे गायों का दूध निकालकर गाव की गली गली में घूम घूमकर दूध बेचते है।
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पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. केपी सिंह कहते हैं कि दूध के नाम पर इसमें यूरिया की मिलावट भी हो सकती है जो आपकी सेहत को भी बिगाड़कर रख देगी। इसलिए सावधानी से दूध का इस्तेमाल करें।