बादली में आई ढाई लाख की कांवड़ बनी चर्चा का विषय
संवाद सूत्र, बादली : सावन माह की महा शिवरात्रि का पर्व बादली गाव में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। भगवान शिव के भक्त कोई झूला, तो कोई खड़ी तो कोई डाक कांवड़ लेकर आए। कुछ कांवड़िये अपने निर्धारित मंदिरों में समय रहते पहुच गए थे तो कुछ कांवड़िये देर रात अपने गंतव्यों तक पहुचे। कुछ भक्त अलसुबह अपने गावों के निर्धारित मंदिरों में पहुंचे। इस बार डाक कांवड़ लाने वाले युवाओं की संख्या अन्य कांवड़ों के मुकाबले अधिक रही। रात 12 बजे के बाद ही गाव के मध्य स्थित शिव मंदिर व लाडपुर मोड़ स्थित हनुमान मंदिर में जल चढ़ाने वाले शिवभक्तों की लंबी कतारें लग गई। गाव के मध्य में स्थित शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ लगी हुई थी। भक्तजनों की भीड़ को देखते हुए मंदिर कमेटी व बादली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इतजाम किए हुए थे। वहीं दूसरी ओर लाडपुर मोड स्थित शिव हनुमान मंदिर जितना सुंदर दिखने में है उतनी ही सुंदर दिखने वाली कांवड़ भी इस मंदिर में शिवभक्तों द्वारा लाकर भगवान शिव के चरणों में चढ़ाई गई। बादली के सुमित, राजू, सोनू, देवेंद्र, कपिल, श्रीभगवान, बोधू, काला, कोकल, मनोज, परविंद्र, दीनदयाल, सोनू कास्ती, राजेश, दीपक और योगेश शिव भक्त हरिद्वार से बादली के शिव हनुमान मंदिर तक स्वयं नंदी बनकर भगवान शिव को कैलाश पर्वत सहित बादली गाव के शिव हनुमान मंदिर में ले आए। शिव भक्तों ने जब यह कांवड़ लेकर क्षेत्र में प्रवेश किया तो इस कावड़ को देखने वाले लोगों की भीड़ का ताता लग गया। जहा जहा, जिस जिस गाव से होकर यह कांवड़ निकलती थी हर गाव में इसे देखने वालों की भीड़ लग जाती थी। शिव भक्त ट्रैक्टर की ट्राली में ही कैलाश पर्वत बनाकर उसमें भगवान शिव की प्रतिमा रखकर अपने कंधों पर बैल की तरह इस कावड़ को हरिद्वार से बादली तक लेकर आए। पिछले साल ये शिव भक्त इसी तरह से ऐसी ही एक कावड़ लेकर। शिव भक्तों ने बताया कि पिछले साल इस कावड़ को हरिद्वार से बादली लाने का करीबन खर्चा सवा दो लाख रुपए लगा था जो इस बार महगाई के साथ ढाई लाख को पार कर गया।
महाशिवरात्रि के अवसर पर दोनों ही मंदिरों में भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में मंदिर कमेटियों व बादली पुलिस ने अथक प्रयास किए और पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी।