शिवव्रत से होता है अहकार का विनाश-गोपालदास
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर के बालाजी मंदिर में प्रवचन के दौरान महंत गोपालदास ने कहा कि सावन माह में शिव के व्रत करने से अहकार का विनाश होता है। एक ऐसा भी समय था जब अहंकार के वशीभूत होकर ब्रह्मा विष्णु दोनों में इस बात की होड़ लग गई थी कि उनमें बड़ा कौन है। दोनों ही स्वयं को बड़ा मानने की जिद पर अड़े थे। उनका विवाद इतना बढ़ा कि पृथ्वी पर प्रलय आने की आशंका उत्पन्न हो गई। यह देखकर व्याकुल हुए नारदजी देव के देव महादेव अर्थात भगवान शिव के पास गए और उनसे समस्या के समाधान के लिए कहा। इसके बाद ब्रह्मा और विष्णु के देखते ही देखते दोनों के बीच एक प्रकाश स्तंभ प्रकट हुआ। इससे पहले कि दोनों यह समझ पाते वह क्या है, उस स्तंभ का आकार बढ़ता गया और उसके प्रकाश से गहन रात्रि के बावजूद सारा विश्व प्रकाशवान हो उठा। दोनों देवताओं ने उस की प्रभुता को बड़ा स्वीकार किया जिससे उनके अहंकार का विनाश हुआ और संसार में शांति स्थापित हो पाई। तभी से ही शिव का यह पर्व सम्पूर्ण सृष्टि में श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है। महत ने कहा कि वर्ष भर में दो बार आने वाले शिवरात्रि के व्रत करने से मनुष्य की समस्त इच्छाएं पूरी होती है।